मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस अध्यक्ष ममता बनर्जी ने मंगलवार को यहां अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों में अकेले लड़ने का एलान करते हुए चुनावी बिगुल बजा दिया। इस मौके पर उन्होंने माकपा, भाजपा और कांग्रेस के कथित गठजोड़ को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि वे तृणमूल को जितनी चुनौती देंगे, उनकी सीटें उतनी ही घट जाएंगी।

उन्होंने अगले विधानसभा चुनावों में पार्टी की जीत का भी भरोसा जताया। ममता ने इस मौके पर पार्टी में गुटबाजी करने और निजी हित साधने वालों को चेतावनी देते हुए कहा कि ऐसे लोगों के लिए तृणमूल में कोई जगह नहीं है। उन्होंने छात्रों को भी अनुशासन बनाए रखने और शिक्षकों का सम्मान करने की नसीहत दी। वे पार्टी की ओर से यहां धर्मतल्ला इलाके में आयोजित शहीद रैली को संबोधित कर रही थीं।

तृणमूल कांग्रेस ने भाजपा की अगुआई वाली केंद्र सरकार की कड़ी खिंचाई करते हुए कहा कि वह राज्य को विकास के लिए एक धेला तक नहीं दे रही है। लेकिन सरकार उसके आगे घुटने नहीं टेकेगी। उन्होंने कहा कि हम आंदोलन कर अपना हक हासिल करेंगे।

भाजपा को दंगेबाज पार्टी करार देते हुए ममता ने कहा कि राज्य में ऐसे दलों के लिए कोई जगह नहीं है। उन्होंने कहा कि तृणमूल का आंदोलन पहले राज्य में अरसे से सत्ता पर काबिज वाममोर्चा के खिलाफ था। लेकिन अब हमारा आंदोलन केंद्र की उपेक्षा और अत्याचार के खिलाफ है। यह आंदोलन दिल्ली भी पहुंच जाएगा। तृणमूल प्रमुख ने कहा कि बिल्ली के गले में घंटी हम लोग ही बांधेंगे।

शहीद रैली का एक दृश्य।

 

ममता ने रैली में जुटी लाखों की भीड़ से कहा कि राज्य में अगले साल विधानसभा चुनाव होने हैं और हमें यह चुनाव जीतना है। उन्होंने कहा कि आज की रैली में जुटी भीड़ में पिछले तमाम रेकार्ड तोड़ दिए हैं।

अब अगले साल चुनाव जीतने के बाद ब्रिगेड परेड ग्राउंड में होने वाली रैली इस भीड़ का रेकार्ड भी तोड़ देगी। रैली के मंच पर 21 जुलाई, 1993 को पुलिस पायरिंग में मारे गए 13 युवकों के परिजनों के अलावा सिंगुर और नंदीग्राम के आंदोलनकारी परिवार, जानी-मानी लेखिका महाश्वेता देवी और पार्टी के तमाम सांसद, विधायक और बालीवुड से जुड़ी हस्तियां मौजूद थीं।