पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस (तृकां) की अध्यक्ष ममता बनर्जी ने आज कहा कि वह श्रमिक वर्ग की समर्थक हैं लेकिन वह बंद के खिलाफ हैं क्योंकि बंद का कोई भविष्य नहीं है लेकिन मार्क्सवादी बार-बार बंद करके अपनी वापसी का प्रयास कर रहे हैं।

राज्य सचिवालय में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘मैं पूरी तरह से श्रमिक वर्ग की समर्थक हूं। अगर मुझे कुछ कहना है तो मैं लड़ूंगी, बातचीत करूंगी, मैं उद्योगों को खुला रखकर भी विरोध कर सकती हूं। बंद का कोई भविष्य नहीं है।’’

ममता ने कहा, ‘‘राजनीतिक रूप से हम (तृकां) भाजपा के खिलाफ हैं लेकिन हम बंद के भी खिलाफ हैं। बंद की संस्कृति को बंद होना चाहिए। राज्य सरकार इसे और बर्दाश्त नहीं करेंगी। लोगों को बंद स्वीकार्य नहीं है।’’

Bharat Bandh: मज़दूर संगठनों की हड़ताल से ठहरा आम जीवन

श्रम कानूनों में परिवर्तन के विरोध में 10 केंद्रीय मजदूर संगठनों द्वारा बुलाए गए आम बंद के बारे में ममता ने कहा, ‘‘हमने श्रम कानूनों में कुछ बिंदुओं पर विरोध पहले ही दर्शाया था। हमने इस संबंध में केंद्र को लिखा भी है।’’

माकपा को आड़े हाथों लेते हुए उन्होंने कहा, ‘‘ये लोग इस लड़ाई को दिल्ली क्यों नहीं ले जाते? क्योंकि दिल्ली में उनके पास कोई शक्ति नहीं है। ऐसा नहीं है कि वह यह श्रमिकों के लिए कर रहे हैं। वे बार-बार बंद आहूत करके अपना वजूद बनाए रखने का प्रयास कर रहे हैं।’’

उन्होंने कहा कि माकपा ने हिंसा पैदा करने का प्रयास किया लेकिन हमारे श्रमिकों ने संयम बरता। बंद कोई प्रभाव पैदा करने में असफल रहा। उन्होंने दावा किया कि राज्य सरकार के दफ्तरों में आज 93 प्रतिशत उपस्थिति रही और जिलों में यह प्रतिशत 97 रहा। इसके अलावा कोयला क्षेत्र, बंदरगाह, चाय बागान और अन्य उद्योगों में भी हड़ताल निष्फल रही। यद्यपि बड़े शहरों में दुकानें बंद रहीं लेकिन जिलों में दुकानें खुली रहीं।