महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को उद्धव ठाकरे पर निशाना साधा। ठाकरे की कलंक वाली टिप्पणी को लेकर फडणवीस ने कहा कि ऐसा लगता है कि मौजूदा राजनीतिक स्थिति के कारण शिवसेना (UBT) प्रमुख को किसी मनोचिकित्सक से उपचार कराने की जरूरत है।
दरअसल, देवेंद्र फडणवीस के होम टाउन नागपुर में शिवसेना के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने सोमवार को कहा था कि भाजपा नेता (फडणवीस) नागपुर पर एक कलंक हैं। उन्होंने कहा था कि वह राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे लेकिन फिर भी उन्होंने ऐसा किया। ठाकरे की इस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘‘विपक्षी नेता और पुराने दोस्त (ठाकरे) को वर्तमान राजनीतिक घटनाक्रम के प्रभाव का सामना करते हुए देखकर मुझे दुख होता है। मुझे लगता है कि उन्हें मनोचिकित्सक से इलाज कराने की जरूरत है।’’
ठाकरे की मानसिक स्थिति समझने की कोशिश करनी चाहिए- देवेंद्र फडणवीस
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जो व्यक्ति अपनी वर्तमान मनोवैज्ञानिक स्थिति के कारण आरोप लगाता है, उस पर प्रतिक्रिया देना अनुचित है। उनकी वर्तमान मानसिक स्थिति ऐसी है कि हमें इसे समझने का प्रयास करना चाहिए। वह जो कह रहे हैं उस पर प्रतिक्रिया ना देना ही बेहतर है। वहीं, दूसरी ओर अपनी टिप्पणी पर भाजपा की तरफ से कड़ी प्रतिक्रिया के बीच उद्धव ठाकरे ने पलटवार करते हुए पूछा कि क्या भाजपा के नेता भी दूसरों पर भ्रष्टाचार का आरोप नहीं लगाते और उन पर कलंक का कटाक्ष नहीं करते?
उद्धव ठाकरे का आरोप शिवसेना नेताओं को बीजेपी परेशान कर रही
पूर्व मुख्यमंत्री ने दावा किया कि संजय राउत और अनिल परब जैसे प्रमुख शिवसेना नेताओं को भाजपा द्वारा परेशान किया जा रहा है। ठाकरे ने एनसीपी नेता और नवनियुक्त राज्य मंत्री हसन मुशरिफ के बारे में कहा कि जब आप सभी पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाएंगे, उन पर दाग लगाएंगे और फिर कैबिनेट में उनके बगल में बैठेंगे, तो वह परिवार समाज का सामना कैसे करेगा?
वहीं, महाराष्ट्र CM एकनाथ शिंदे ने कहा कि उद्धव ठाकरे ने देवेंद्र फडणवीस पर जो टिप्पणी की है वह निंदनीय है। 2019 में लोगों से विश्वासघात करना, बालासाहेब के विचारों को त्याग कर कुर्सी की लालच में सब कुछ भूल जाना, यह सब तो उन्होंने किया है। उन्हें देवेंद्र फडणवीस के बारे में बोलने का क्या अधिकार है?
अजित पवार बने महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री
गौरतलब है कि महाराष्ट्र की राजनीति में आए एक बड़े बदलाव के तहत राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी नेता अजित पवार और उनके आठ सहयोगी दो जुलाई को एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे, जिसके चलते एनसीपी विभाजित हो गई। अजित पवार को उपमुख्यमंत्री बनाया गया जबकि अन्य को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई।