महाराष्ट्र में Shivsena, NCP और Congress के गठबंधन महाविकास अघाड़ी की सरकार में मंत्रिमंडलों का बंटवारा बचा है। कहा जा रहा है कि शरद पवार के नेतृत्व वाली NCP के नेताओं के पास अहम मंत्रालय जा सकते हैं। मसलन वित्त, गृह, कृषि और आवास विकास मंत्रालय एनसीपी के पाले में जा सकते हैं। सूत्रों के हवाले से कुछ मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि एनसीपी चीफ के भतीजे अजित पवार को वित्त मंत्रालय मिल सकता है, जबकि अन्य प्रमुख विभागों को लेकर भी बातचीत फिलहाल जारी है।
सूबे के गृह मंत्रालय के लिए सबसे आगे एनसीपी के नवाब मलिक का नाम चल रहा है, जबकि कृषि विभाग की जिम्मा जयंत पाटिल और आवास विकास की कमान जितेंद्र अवहाद को सौंपी जा सकती है। ये तीनों ही नेता एनसीपी से ताल्लुक रखते हैं। वहीं, कांग्रेस के पूर्व सीएम अशोक चव्हाण को लोक कल्याण विभाग और बाला साहेब थोराट को राजस्व विभाग की जिम्मेदारी दी जा सकती है।
बता दें कि सोमवार को महाराष्ट्र में शिवसेना चीफ और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाले इस मंत्रिपरिषद में कुल 36 विधायकों में से 10 कांग्रेसियों ने मंत्री के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली, जबकि इससे पहले 28 नवंबर को मुख्यमंत्री के तौर पर उद्धव ने छह अन्य मंत्रियों के साथ शपथ ग्रहण की थी। इनमें कांग्रेस से बालासाहेब थोराट व नितिन राउत, शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सौरभ देसाई के साथ एनसीपी से जयंत पाटिल और छगन भुजबल शामिल थे।
विभागों के बंटवारे पर सहयोगियों में खींचतान की बात शिवसेना ने कबूलीः शिवसेना ने राज्य में प्रमुख विभागों के बंटवारे को लेकर गठबंधन की तीनों पार्टियों के वरिष्ठ नेताओं के बीच खींचतान की बात गुरुवार को स्वीकार करते हुए कहा कि कुछ विधायकों को मंत्री नहीं बनाया जा सका क्योंकि ‘‘संभावितों’’ की सूची बहुत बड़ी थी। उसने कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे को मंत्री ना बनाए जाने के विरोध में कुछ लोगों द्वारा मंगलवार को पुणे में पार्टी कार्यालय पर हमला किए जाने की भी निंदा की।
उसने कहा कि कांग्रेस अक्सर शिवसेना के प्रदर्शन को ‘‘गुंडागर्दी’’ करार देती है लेकिन थोपटे के कथित समर्थकों ने जो किया वह भी वही था। शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के सम्पादकीय में कहा कि यह कांग्रेस की संस्कृति को शोभा नहीं देता। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने करीब एक महीने पुराने अपने मंत्रिमंडल में सोमवार को विस्तार करते हुए अपने 29 वर्षीय बेटे आदित्य ठाकरे समेत 36 मंत्रियों को इसमें शामिल किया था।
शिवसेना के मुताबिक, ‘‘ मंत्रिमंडल का विस्तार करने की आवश्यकता थी, इसमें देरी हुई लेकिन आखिरकार यह हुआ। जिन लोगों को शामिल नहीं किया गया, वे निराश हैं… पर संभावितों की सूची काफी बड़ी थी।’’ उसने कहा कि विपक्ष (भाजपा) इस पर टीका-टिप्पणी कर रहा है लेकिन देवेन्द्र फडणवीस नीत पूर्व सरकार में भी मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर ऐसी परेशानियां सामने आई थीं।
उसने कहा, ‘‘ मजबूत और अनुभवी मंत्रिमंडल सत्ता में है और उसे काम करने देना चाहिए।’’ शिवसेना विधायक भास्कर जाधव को मंत्रिमंडल में शामिल ना किए जाने पर उनके ‘‘स्तब्ध’’ होने पर मराठी दैनिक समाचार पत्र ने कहा कि मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने का जाधव सहित किसी को ‘‘वादा नहीं’’ किया गया था। जाधव राकांपा छोड़कर ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी में शामिल हुए थे।