Lokmanya Tilak Award: तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट ने पीएम मोदी को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार दिए जाने की सोमवार को घोषणा की थी। इस घोषणा के एक दिन बाद मंगलवार को कांग्रेस और उद्धव ठाकरे ने इसको लेकर आपत्ति जताई है। कांग्रेस की पुणे शहर इकाई ने मंगलवार को अपनी नाराजगी व्यक्त की और कहा कि पार्टी कार्यकर्ता मोदी को पुरस्कार दिए जाने से नाखुश है।जिस ट्रस्ट पर एक कांग्रेस नेता का नियंत्रण है।

शिवसेना (यूबीटी) नेता उद्धव ठाकरे ने पीएम मोदी को पुरस्कार दिए जाने की आलोचना की। साथ ही ठाकरे ने पीएम मोदी से सवाल किया कि वह एनसीपी प्रमुख शरद पवार से पुरस्कार स्वीकार करने के लिए तैयार हैं, जिन पर उन्होंने हाल ही में “भ्रष्ट” होने का आरोप लगाया था। क्योंकि इस कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में शरद पवार को आमंत्रित किया गया है।

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक, जो स्वतंत्रता सेनानी लोकमान्य तिलक के वंशज हैं और राज्य कांग्रेस के महासचिव हैं। उन्होंने सोमवार को घोषणा की थी कि ट्रस्ट ने निर्णय लिया है कि इस साल का तिलक पुरस्कार 1 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को दिया जाएगा।

मीडिया से बात करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा कि उन्हें अखबारों में यह पढ़कर आश्चर्य हुआ कि पीएम मोदी को शरद पवार से लोकमान्य तिलक पुरस्कार मिलेगा। उद्धव ने कहा कि लोकमान्य तिलक ने ब्रिटिश सरकार से पूछा था कि क्या सरकार का दिमाग खराब हो गया है? लेकिन अब यह सवाल कौन पूछेगा? उद्धव ने कहा कि जिस पार्टी पर 70,000 करोड़ रुपये के भ्रष्टाचार का आरोप था वह अब आपके (भाजपा) साथ है। शरद पवार आपको पुरस्कार प्रदान करने जा रहे हैं और हमारी पार्टी के दलबदलू आपके साथ हैं।

ट्रस्ट के इस कदम से असहमति जताते हुए शहर कांग्रेस प्रमुख अरविंद शिंदे ने कहा, ‘तिलक स्मारक मंदिर ट्रस्ट के उपाध्यक्ष राज्य कांग्रेस के पदाधिकारी हैं। हमारे नेता राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी मोदी सरकार की नीतियों की आलोचना करते रहे हैं। कांग्रेस नेता द्वारा प्रधानमंत्री मोदी को राष्ट्र निर्माण में उनके योगदान की सराहना करते हुए पुरस्कार देने की घोषणा से पार्टी कार्यकर्ता नाखुश हैं। उन्होंने इस पर नाराजगी जताई है।’

शहर कांग्रेस ने भी पार्टी की महाराष्ट्र इकाई को पत्र लिखकर कहा है कि लोकमान्य तिलक कांग्रेस के आदमी थे। उनके नाम पर पीएम मोदी को पुरस्कार देने से पार्टी कार्यकर्ताओं और देश भर में गलत संदेश जाएगा।

इस पूरे घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए रोहित तिलक ने कहा, ‘प्रधानमंत्री को लोकमान्य तिलक राष्ट्रीय पुरस्कार देने पर कांग्रेस की नाराजगी या विरोध की मुझे जानकारी नहीं है। किसी ने भी मुझे यह बात नहीं बताई है। उन्होंने बताया कि इसके अलावा, यह समारोह गैर-राजनीतिक है और यह पुरस्कार पूर्व में प्रधानमंत्रियों अटल बिहारी वाजपेयी, इंदिरा गांधी और मनमोहन सिंह को दिया चुका है।

रोहित तिलक ने कहा, ‘यह पुरस्कार राजनीति, विज्ञान, स्वास्थ्य, बुनियादी ढांचे और सामाजिक क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों की प्रतिष्ठित हस्तियों को सम्मानित करने के लिए है। उन्होंने कहा कि ट्रस्टियों ने सर्वसम्मति से पीएम मोदी के नाम को अंतिम रूप दिया है।

कार्यक्रम में यह लोग रहेंगे मौजूद

पुरस्कार समारोह के मुख्य अतिथि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) प्रमुख शरद पवार होंगे, जबकि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को भी आमंत्रित किया गया है। ट्रस्टियों में से एक, वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुशील कुमार शिंदे भी समारोह में शामिल होंगे।

जानिए इस पुरस्कार में क्या दिया जाता

ट्रस्ट के उपाध्यक्ष रोहित तिलक ने कहा कि पुरस्कार में एक स्मृति चिन्ह, एक प्रमाण पत्र और 1 लाख रुपये दिया जाता है। तिलक के अनुसार, ‘प्रधानमंत्री मोदी का जीवन और कार्य लोकमान्य तिलक के प्रयासों से काफी मेल खाता है’।