Maharashtra Politics: महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने एक बार फिर राज्य में सरकारी और निजी दोनों क्षेत्रों में रोजगार को लेकर ‘मराठी मानुस’ के खिलाफ बढ़ते अन्याय पर अपना विरोध जताया है। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को लिखे पत्र में ठाकरे ने बताया कि राज्य की इंडस्ट्रियां नौकरियां देने में कैसे विफल रहीं। राज ठाकरे ने कहा कि बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र में सरकार के जॉब ड्राइव चलाने के दावों में दम नहीं दिखा। क्योंकि आधिकारिक बातचीत के अभाव में मराठी मानुस को अंधेरे में रखा गया। राज ठाकरे ने यह भी बताया कि प्लेसमेंट करने वाली प्राइवेट एजेंसियां पर्याप्त संचार के बिना ऐसे भर्ती अभियान चला रही हैं।

मनसे चीफ ने जानिए पत्र में क्या लिखा?

मनसे चीफ ने पत्र में कहा, “वे प्रवासियों की भर्ती कर रहे हैं। इस तरह स्थानीय युवाओं को उनके ही गृह राज्य में उनको नौकरियों से वंचित किया जा रहा है। उन्होंने पुणे मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा, “भर्ती पटना में की गई थी। यह एजेंसियां सभी नियमों का उल्लंघन कर रही हैं। सभी नियमों को तोड़कर मुंबई और महाराष्ट्र के अन्य महानगरों में बसने वाले बाहरी लोगों को बढ़ावा देने के लिए अनिवार्य अधिवास प्रमाण पत्र की अनदेखी की जा रही है।”

इस साल बीएमसी चुनाव से पहले और लोकसभा और विधानसभा चुनाव को देखते हुए महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना अपने पुराने फॉर्मूले पर लौट आई है, जो मराठी मानुस पर आधारित है। इसी को ध्यान में रखते हुए राज ठाकरे अपने बेटे अमित ठाकरे के साथ चुनावी मिशन पर निकले हैं। जिसमें राज्य का दौरा और मनसे के लिए समर्थन जुटाने के लिए एक सम्मेलन शामिल है। मुंबई, पुणे, नासिक और ठाणे में पार्टी पदाधिकारियों ने युवाओं तक अपनी पहुंच बनाने के लिए महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। जिससे पार्टी संगठन को मजबूत किया जा सके।

राज ठाकरे ने महाराष्ट्र सरकार से प्राइवेट प्लेसमेंट एजेंसी के पंजीकरण और कार्यान्वयन को सही तरीके से लागू करने की अपील की है। उन्होंने मराठी मानुस के लिए न्याय करने के लिए फिर से मसौदे पर विचार करने का आग्रह किया है।

अवैध कॉलोनियों के निर्माण का मुद्दा उठा चुके राज ठाकरे

हाल ही में, दादर में पार्टी के एक कार्यक्रम में बोलते हुए राज ठाकरे ने अवैध कॉलोनियों के निर्माण का मुद्दा उठाया था। उन्होंने मुंबई में गंदगी भरे नालों और नदियों के लिए प्रवासियों को जिम्मेदार ठहराया था। मनसे चीफ ने कहा था कि एक शहर में कितने प्रवासियों को आना चाहिए इसकी एक सीमा है। प्रवासियों के बड़ी संख्या में राज्य में आने से बुनियादी ढांचे पर अत्यधिक बोझ पड़ता है। इन प्रवासियों ने नालों और नदी तटों पर अवैध कॉलोनियां बना लीं। इससे जल निकासी की समस्या पैदा होती है और नालियां ओवरफ्लो हो जाती हैं।

राज ठाकरे ने एक साल पहले मस्जिदों में लाउडस्पीकरों के खिलाफ एक अभियान चलाया था। उन्होंने उस वक्त एमवीए सरकार को निशाने पर लिया था। मनसे के दबाव के कारण सरकार को मस्जिदों और मंदिरों सहित सभी पूजा स्थलों पर शोर संबंधी नियम लागू करने पड़े थे।