आलोक देशपांडे

Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में चल रहे सियासी घटनाक्रम के बीच भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) बड़ा दावा किया है। जिसमें कहा गया है कि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) की राज्य इकाई के प्रमुख जयंत पाटिल जल्द ही अपनी पार्टी से इस्तीफा दे देंगे। बीजेपी ने इसके 10 कारण बताए हैं। हालांकि, पाटिल के कार्यालय ने इस दावे का खंडन करते हुए कहा कि वो बीजेपी की निम्न स्तर और घटिया राजनीति पर कोई बयान नहीं देंगे।

बीजेपी ने ट्विटर हैंडल पर जारी किया वीडियो

भाजपा के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने रविवार को 2.18 मिनट का लंबा एक वीडियो पोस्ट किया। जिसमें दावा किया गया कि पाटिल को एनसीपी में दरकिनार कर दिया गया है। वीडियो में इसके पीछे की 10 वजह भी बताई गई हैं कि वो जल्द ही पार्टी क्यों छोड़ेंगे। बीजेपी का यह कदम काफी आश्चर्यजनक है, क्योंकि किसी भी पार्टी ने कभी भी अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर वीडियो के रूप में कारण बताते हुए ऐसे दावे नहीं किए हैं।
पाटिल राकांपा के दूसरे वरिष्ठ नेता हैं, जिनके खिलाफ इस तरह के दावे किए गए हैं। इससे पहले विपक्ष के नेता अजित पवार के भी पार्टी छोड़ने की अफवाह थी। पवार पहले ही ऐसे किसी कदम से इनकार कर चुके हैं।

वीडियो में 10 कारण बताए गए

भाजपा द्वारा बनाए गए और पोस्ट किए गए वीडियो के मुताबिक, पाटिल के राकांपा छोड़ने पर अब चर्चा हो रही है। उनके पास पार्टी ऐसा करने के 10 कारण हैं। वीडियो में कहा गया है कि शरद पवार ने 2019 से जयंत पाटिल की उपेक्षा करना शुरू कर दिया। पाटिल जो कभी गृह विभाग संभालते थे, उन्हें सिंचाई विभाग देकर अपमानित किया गया। इसके अलावा, पाटिल सुप्रिया सुले या अजित पवार के ग्रुप से नहीं हैं और इसलिए, पार्टी के भीतर उनका भविष्य अंधकारमय बना हुआ है।’

इसमें कहा गया कि पाटिल हमेशा महत्वाकांक्षी थे और डिप्टी सीएम बनने की उनकी महत्वाकांक्षा कभी छिपी नहीं थी। इसमें कहा गया है, ”सुप्रिया सुले के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनने से अजित पवार परेशान हैं, जो जयंत पाटिल को तवज्जो देंगे।” इसमें कहा गया है कि उन्हें न तो विपक्ष का नेता बनाया गया और न ही राष्ट्रीय जिम्मेदारी दी गई।

इसमें दावा किया गया कि चूंकि अजीत पवार राज्य स्तर पर और शरद पवार राष्ट्रीय स्तर पर निर्णय लेते हैं, इसलिए पाटिल केवल नाममात्र के राज्य इकाई के अध्यक्ष हैं। इसमें कहा गया, “अगर शरद पवार भी सेवानिवृत्त हो जाते हैं, तो जयंत पाटिल जैसे वरिष्ठ नेता के लिए सुप्रिया सुले और अजीत पवार के तहत काम करना मुश्किल हो जाएगा।”

जयंत पाटिल अपने बेटे प्रतीक को राजनीति में लाना चाहते

वीडियो में आगे दावा किया गया कि पाटिल अपने बेटे प्रतीक को राजनीति में लाने की इच्छा के बावजूद, शरद पवार ऐसा नहीं होने देंगे। पाटिल के कार्यालय ने कहा कि वो भाजपा की ऐसी घटिया स्तर की राजनीति पर कोई प्रतिक्रिया नहीं देना चाहते। इसमें कहा गया, ”उचित समय पर उचित मंच पर इसका जवाब दिया जाएगा।”