Maharashtra News: महाराष्ट्र की सियासत का पारा काफी चढ़ा हुआ है, क्योंकि अगले कुछ महीनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और बीजेपी की लीडरशिप वाली NDA सरकार के सामने अपनी सत्ता बचाने की चुनौती है। वहीं इस गुट में शामिल एनसीपी नेता और डिप्टी CM अजित पवार के हाल के उनके बयानों के चलते उनके चाचा के पास वापस लौटने के कयास लगाए जाने लगे थे इसको लेकर अजित पवार ने कहा है कि उनकी और मेरी राहें अलग-अलग हैं और उनसे कोई मुकाबला नहीं है। अजित पवार ने कहा कि वे एनडीए यानी महायुति के साथ ही चुनावी मैदान में उतरेंगे।
दरअसल, हाल ही में एनसीपी चीफ और राज्य की एकनाथ शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार ने हाल ही में बयान दिया था कि उन्होंने लोकसभा चुनाव के दौरान अपनी सुप्रिया सुले के सामने बारामती सीट से अपनी पत्नी सुनेत्रा पवार को उतारकर गलती की थी। इसके बाद यह कयास लगाए जाने लगे थे कि क्या अजित पवार लोकसभा चुनाव में झटके के बाद अब वापस शरद पवार के किले में लौट सकते हैं। हालांकि आज ANI को दिए एक इंटरव्यू मे अजित पवार ने इन सभी कयासों को खारिज किया है।
Ajit Pawar नहीं छोड़ेंगे महायुति का साथ
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव पर डिप्टी सीएम अजित पवार ने कहा कि हम महायुति के तहत यह विधानसभा चुनाव लड़ेंगे। हम इसमें स्पष्ट बहुमत पाने का प्रयास करेंगे। हम मतदाताओं को मना रहे हैं, जिनके पास पूरी ताकत है। हमारी रैलियां चल रही हैं, जिसमें सभी बड़े नेता भाग ले रहे हैं। अजित पवार ने कहा कि विपक्ष अपना काम कर रहा है और हम अपना काम कर रहे हैं, अंतिम निर्णय मतदाताओं का ही होगा।
Sharad Pawar से नहीं है कोई मुकाबला
शरद पवार से चुनावी मुकाबले को लेकर उन्होंने कहा कि उनसे (शरद पवार) से उनका कोई मुकाबला नहीं है। अजित पवार ने कहा है कि वो वही काम कर रहे हैं, जो उन्हें सही लग रहा है। उन्होंने कहा कि मैं अभी महायुति के लिए प्रचार कर रहा हूं। मैं 1999 में पार्टी की स्थापना के बाद से सब कुछ जानता हूं। वह अपने तरीके से आगे बढ़ रहे हैं और मैं अपने तरीके से आगे बढ़ रहा हूं।
क्या बेटे की होगी सियासत में एंट्री
बता दें कि हाल ही में अजित पवार ने एक संकेत दिया था कि वे इस बार अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतार सकते हैं। उनका कहना था कि वे लंबे समय से बारामती सीट से चुनाव लड़ रहे हैं, और अब वे चुनाव लड़ने के इच्छुक नहीं है। इसके चलते ही यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या वे अजित पवार अपने बेटे को चुनावी मैदान में उतारेंगे या फिर वे यह सीट हार के डर से छोड़ रहे हैं। यह सवाल इसलिए उठ रहे हैं क्योंकि कि अजीत पवार की पत्नी ने बारामती लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था और उन्हें सुप्रिया सुले ने 47 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से हरा दिया था।
माना जा रहा है कि इस बार बारामती विधानसभा सीट से अजित पवार को कड़ी टक्कर मिल सकती है, जिसके चलते वे पहले से ही अपने बेटे को सियासी मैदान में उतारने का संकेत भी दे रहे हैं, संभव यह भी है कि इस बार इस सीट पर उनकी तरफ से पवार फैमिली के बाहर के किसी सदस्य को उतार दिया जाए।