महाराष्ट्र के पालघर में हुई तीन लोगों की लिंचिंग की घटना को लेकर राज्य सरकार की जमकर आलोचना हो रही है। दरअसल मरने वाले लोगों में से दो लोग साधू थे, ऐसे में इस घटना को सांप्रदायिक रंग भी देने की कोशिश की जा रही है। हालांकि महाराष्ट्र सरकार इस मामले में सांप्रदायिक एंगल होने की बात से साफ इंकार कर रही है। यही वजह है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने आज एक ट्वीट किया है, जिसमें उन्होंने पालघर लिंचिंग घटना के आरोपियों के नामों की लिस्ट जारी की है।
इस लिस्ट के साथ अनिल देशमुख ने कैप्शन में लिखा है कि ‘पालघर की घटना में अभी तक 101 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। खासकर यह लिस्ट वह उनके लिए जारी कर रहे हैं, जो इस घटना को सांप्रदायिक रंग देने में जुटे हैं।’ आरोपियों के नाम देखकर पता चलता है कि पालघर की घटना दो समुदायों से जुड़ी नहीं है और इस मामले में पीड़ित और अधिकतर आरोपी एक ही धर्म के लोग थे।
The list of the 101 arrested in the #Palghar incident. Especially sharing for those who were trying to make this a communal issue.. pic.twitter.com/pfZnuMCd3x
— ANIL DESHMUKH (@AnilDeshmukhNCP) April 22, 2020
महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने फेसबुक के माध्यम से अपने संबोधन में कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पालघर मामले पर सांप्रदायिकता की राजनीति हो रही है। उन्होंने कहा कि यह राजनीति करने का नहीं बल्कि मिलकर कोरोना वायरस से लड़ने का वक्त है। अनिल देशमुख ने कहा कि सीआईडी के एक विशेष आईजी स्तर के अधिकारी इस मामले की जांच कर रहे हैं।
महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे भी पालघर हिंसा में सांप्रदायिकता के एंगल को नकार चुके हैं। बता दें कि इस मामले को लेकर केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने भी उद्धव ठाकरे से बात की थी।
बता दें कि बीते गुरूवार को देर रात दो साधू और एक ड्राइवर कार से मुंबई से गुजरात के सूरत जा रहे थे। पालघर में करीब 200 लोगों की भीड़ ने इन्हें बच्चा चोर समझकर उनकी बुरी तरह पिटाई कर दी। इस पिटाई से तीनों लोगों की मौत हो गई।