महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं। इस बीच एनसीपी शरद पवार गुट ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दाखिल किया है। एनसीपी शरद गुट ने अजित पवार गुट के चुनाव चिन्ह को लेकर शिकायत की है। अपने हलफनामे में शरद गुट ने कहा कि अजित पवार ने ‘घड़ी’ चुनाव चिन्ह को लेकर मतदाताओं के मन में भ्रम पैदा करने की कोशिश की। शरद पवार ने इसके लिए 6 दस्तावेज पेश करने की इजाजत भी मांगी है।

40 विधायकों के साथ एनसीपी से अलग हुए थे अजित पवार

जुलाई 2023 में अजित पवार ने एनसीपी से बगावत की थी और 40 विधायकों के साथ अलग हो गए थे। इसके बाद वह एकनाथ शिंदे की सरकार में शामिल हो गए थे और डिप्टी सीएम बने थे। यह मामला चुनाव आयोग पहुंचा तो अजित पवार खेमे को असली एनसीपी बताया गया और उन्हें पार्टी का चुनाव चिन्ह आवंटित कर दिया गया। इसके बाद शरद पवार गुट सुप्रीम कोर्ट पहुंचा और इसे चुनौती दी।

हालांकि अदालत में शरद गुट को आने वाले लोकसभा और विधानसभा चुनाव के लिए एनसीपी (शरद पवार) नाम और तुरही चुनाव चिन्ह को इस्तेमाल करने की अनुमति दी। इसके अलावा अदालत में अजित पवार अच्छा को एनसीपी पार्टी का नाम और घड़ी चुनाव चिन्ह का उपयोग करने की अनुमति दी गई। इस फैसले का सुप्रीम कोर्ट में विरोध किया गया था और यह मामला अभी पेंडिंग है।

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शरद पवार ने अजित पवार पर अदालत के आदेशों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है। हाल ही में विधानसभा चुनाव खत्म हुए, जिसमें शरद पवार गुट को केवल 10 सीटों पर जीत मिली है। जबकि एनसीपी अजित गुट को 41 सीटों पर जीत मिली है। बताया जाता है कि चुनाव चिन्ह के चलते शरद पवार को करीब 9 सीटों पर हार का सामना करना पड़ा। इसके अलावा शरद गुट के खराब प्रदर्शन की वजह चुनाव चिह्न भी है।

शरद पवार की हुई है हार

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शरद पवार की हार हुई तो उन्होंने इसके लिए योगी आदित्यनाथ के बटेंगे तो कटेंगे वाले नारे और लाडली बहन योजना को जिम्मेदार ठहराया। शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में ध्रुवीकरण हुआ और ऐसा उनको अपने जीवन में पहली बार अनुभव हुआ है। पढ़ें सीएम पद को लेकर रामदास अठावले का बयान