Maharashtra Politics: महाराष्ट्र में विपक्षी दलों एक नवंबर को एक बड़ी रैली का आयोजन किया है। इस रैली में निर्वाचन आयोग से मतदाता सूची से करीब एक करोड़ ‘‘फर्जी मतदाताओं’’ के नाम हटाने का आग्रह किया जाएगा। इस रैली को लेकर शिवसेना यूबीटी के नेता संजय राउत ने विस्तृत जानकारी दी और दावा किया कि राज्य में करीब एक करोड़ फर्जी वोटर्स हैं।
संजय राउत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे के इस दावे का हवाला दिया कि स्थानीय निकाय चुनावों से पहले महाराष्ट्र की मतदाता सूची में लगभग 96 लाख ‘‘फर्जी’’ मतदाता जोड़े गए हैं। इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) नेता बाला नंदगांवकर, राकांपा (एसपी) नेता जयंत पाटिल और कांग्रेस के सचिन सावंत ने भी थे।
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1 करोड़ फर्जी वोटर्स का दावा
इस दौरान संजय राउत ने मांग की है कि निर्वाचन आयोग ने राज्य की मतदाता सूची से लगभग ‘‘एक करोड़ फर्जी मतदाताओं’’ के नाम हटाए। उन्होंने कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी के विधायक मंदा म्हात्रे (भाजपा) और संजय गायकवाड़ (शिवसेना) ने भी मतदाताओं के दोहराव और मतदाता सूची में अनियमितताओं का मुद्दा उठाया है। राउत ने कहा किमतदाता सूची शुद्ध होनी चाहिए। सत्तारूढ़ दलों के अलावा सभी प्रमुख दल इस मुद्दे को उठा रहे हैं।
सड़क पर उतरकर प्रदर्शन की कही बात
संजय राउत ने कहा कि निर्वाचन आयोग यह मानने को तैयार नहीं है कि मतदाता सूची शुद्ध नहीं हैं। हमें सड़कों पर उतरकर निर्वाचन आयोग को झटका देना होगा। इसलिए एक नवंबर को मुंबई में निर्वाचन आयोग के भ्रष्ट कृत्य के खिलाफ सभी विपक्षी दल एक विशाल रैली करेंगे। उन्होंने कहा कि लाखों लोग सड़कों पर उतरेंगे और अपनी ताकत दिखाएंगे। राउत ने कहा कि रैली का नेतृत्व राकांपा (एसपी) अध्यक्ष शरद पवार, शिवसेना (उबाठा) प्रमुख उद्धव ठाकरे और मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे करेंगे।
निकाय चुनाव को लेकर कही अहम बात
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं को भी निमंत्रण भेजा जाएगा। इससे पहले दिन में, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे ने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाता जुड़ गए हैं और निर्वाचन आयोग को चुनौती देते हुए सवाल किया कि मतदाता सूची को शुद्ध किए बिना वह स्थानीय निकाय चुनाव कैसे कराएगा।
राउत के अलावा मनसे के बूथ स्तरीय एजेंट को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कहा कि अगर मतदाता सूची में हेराफेरी करके चुनाव कराए जाते हैं, तो यह मतदाताओं का सबसे बड़ा अपमान है। उन्होंने अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं से मतदाता सूची की जांच करके फर्जी मतदाताओं का पता लगाने का आग्रह किया। विपक्ष ने ग्रामीण और शहरी निकाय चुनावों से पहले मतदाता सूची में “सुधार” और “विसंगतियों” को दूर करने की मांग की है, जो 31 जनवरी, 2026 तक पूरे होने हैं।
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राज ठाकरे ने क्या कहा था?
महाराष्ट्र राज्य निर्वाचन आयोग ने शनिवार को कहा कि कोई भी राजनीतिक दल मतदाता सूची से छेड़छाड़ नहीं कर सकता और मतदाता सूचियों में सुधार और उनका उन्नयन सुरक्षित रूप से प्रबंधित किया जा रहा है। राज ठाकरे ने रविवार को आरोप लगाया था कि क्षेत्रीय दलों को खत्म करने की एक कोशिश की जा रही है। मुझे पता चला है कि आगामी चुनावों के लिए महाराष्ट्र की मतदाता सूची में 96 लाख फर्जी मतदाताओं के नाम दर्ज किए गए हैं। उन्होंने राज्य चुनाव के दौरान भी ऐसा किया था।
उन्होंने दावा किया कि मुंबई में 8 से 10 लाख तथा ठाणे, पुणे और नासिक में 8 से 8.5 लाख फर्जी मतदाता जोड़े गए हैं। राज ठाकरे के दावे पर प्रतिक्रिया देते हुए, भाजपा नेता प्रवीण दरेकर ने कहा कि उनके भाषण में एक राजनीतिक एजेंडा झलकता है। भाजपा नेता ने कहा कि ‘महायुति’ के जन-हितैषी शासन ने सरकार पर हमला करने की कोई गुंजाइश नहीं छोड़ी है, जिससे विपक्षी दल चुनावों को देखते हुए ऐसे दावे कर रहे हैं।
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