महाराष्ट्र में 2018 में सबसे अधिक सुसाइड के मामले सामने आए। जान देने वालों में सबसे ज्यादा दिहाड़ी मजदूर और गरीब तबके से हैं। देश में अपराध के आंकड़ों का संकलन कर विश्लेषण करने के लिए जिम्मेदार एजेंसी राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के डाटा से यह बात सामने आई है। देश में खुदकुशी के मामलों में 3.6 फीसदी की बढ़ोत्तरी हुई है।
जारी आंकड़ो के मुताबिक महाराष्ट्र और कर्नाटक किसानों की खुदकुशी के मामले में पहले और दूसरे नंबर पर हैं। खुदकुशी करने के आंकड़ों ने किसान आत्महत्याओं को भी पीछे छोड़ दिया है। साल 2018 में कुल 12,936 लोगों ने बेरोजगारी से तंग आकर आत्महत्या की वहीं इसी दौरान 10,349 किसानों ने आत्महत्या की।
रिपोर्ट में सामने आया है कि खुदकुशी करने वाले 1.3 लाख में से 66 प्रतिशत लोग प्रति वर्ष एक लाख रुपए से कम आय वाले थे। प्रत्येक पांच में से एक पीड़ित दिहाड़ी मजदूर था। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में हर 4 मिनट पर एक शख्स ने खुदकुशी की है। ताजा आंकड़ों के अनुसार 2018 में समूचे देश में हर दिन औसतन हत्या की 80 घटनाएं, अपहरण की 289 घटनाएं और बलात्कार की 91 घटनाएं दर्ज की गईं।
2018 में दर्ज किए गए कुल 17,972 मामलों में से 13.4 फीसदी महाराष्ट्र के हैं। तमिलनाडु में 13,896 मामले दर्ज किए गए हैं। वहीं पश्चिम बंगाल में कुल 13,255 मामले दर्ज किए गए। बात करें मेट्रो सिटीज की तो दिल्ली में 2,369, चेन्नई में 2,102, बेंगलूरू में 2,082 और मुंबई में 1,174 केस दर्ज किए गए। 53 मेगा सिटीज से 36.1 फीसदी खुदकुशी के मामले सामने आए हैं।
वहीं महिलाओं के लिए सबसे असुरक्षित उत्तर प्रदेश है। उत्तर प्रदेश में महिलाओं के खिलाफ अपराधों के मामलों की संख्या साल 2018 में 59,445 रही जबकि 2017 में 56,011 और 2016 में 49,262 थी। वहीं, मध्य प्रदेश में साल 2018 में सबसे ज्यादा 5,450 रेप के मामले सामने आए।