महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के एक दिन बाद सामान्य प्रशासनिक विभाग (जीएडी) ने मंत्रालयों को आदेश दिया है कि वे बुधवार शाम तक सरकारी संपत्ति सौंप दें। जीएडी का आदेश सभी मंत्रालयों, मंत्रियों के लिए काम कर रहे विशेष कार्याधिकारियों (ओएसडी), निजी सचिवों और निजी सहायकों पर लागू होगा। आदेश में उनसे टेलीफोन बिल जमा करने और पहचान पत्र वापस करने के लिए कहा गया है। उन्हें आधिकारिक फाइलों, गोपनीय दस्तावेजों, आधिकारिक स्टेशनरी और फर्नीचर भी वापस करने के लिए कहा गया है।

सरकार बनाने का दांवा पेश करने में असफल रही:  बता दे कि राज्य में मंगलवार को राष्ट्रपति शासन लगाया गया था। राज्य की 288 सदस्यों वाली विधानसभा में भाजपा के सबसे अधिक 105 विधायक हैं। उसके साथ गठबंधन करके चुनाव लड़ने वाली शिवसेना के 56 विधायक हैं। तीसरी सबसे बड़ी पार्टी एनसीपी के 54 और कांग्रेस के 44 विधायक हैं। लेकिन कोई भी पार्टी गठबंधन कर सरकार बनाने का दांवा नहीं कर सकी जिसके कारण राज्यपाल को राष्ट्रपति शासन लागू करना पड़ा।

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शिवसेना ने SC दायर की याचिका : गौरतलब है कि महाराष्ट्र के राज्यपाल को एनसीपी ने मंगलवार सुबह 11 बजे एक चिट्ठी लिखी थी, इसमें सरकार गठन के लिए और समय मांगा था। इसी चिट्ठी के आधार पर राज्यपाल ने केंद्र सरकार से आर्टिकल 356 के तहत राष्ट्रपति शासन लगाने की सिफारिश की गई थी। जिसके बाद केद्र सरकार ने राष्ट्रपति शासन लगाकर सभी राजनीतिक गतिविधियों पर रोक लगा दीं। हालांकि शिवसेना ने राज्यपाल के इस फैसले को गलत बताते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।