महाराष्ट्र में जून 2022 में शिवसेना के तोड़ने के मामले में सीएम और उनके विधायकों के खिलाफ अयोग्यता केस पर स्पीकर का फैसला बुधवार शाम चार बजे के बाद आएगा। स्पीकर राहुल नार्वेकर (Rahul Narvekar) ने फैसला कानून के आधार पर ही लिया जाएगा। बुधवार को उन्होंने कहा, “अयोग्यता की याचिका पर सुनवाई पूरी हो चुकी है… आज उस पर फैसला सुनाया जाएगा। यह निर्णय कानून में जो प्रावधान है, सर्वोच्च न्यायालय ने जो सिद्धांत स्थापित किए हैं, उनके आधार पर ही लिया जाएगा…।”
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री ने कहा, “हमारे पास बहुमत है”
हालांकि फैसले से पहले उनके सीएम एकनाथ शिंदे से मुलाकात पर शिवसेना (यूबीटी) के नेता संजय राउत ने कड़ा एतराज जताया है और फैसले को मैच फिक्सिंग जैसा बताया है। दूसरी तरफ महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा, “हमारे पास बहुमत है। इसी के बलबूते पर हमें चुनाव आयोग ने असली शिवसेना के रूप में माना है। परिणाम योग्यता पर होना चाहिए। हमारी सरकार मजबूती से काम कर रही है इसलिए उनके पैरों तले जमीन खिसक गई है। मैच फिक्सिंग अगर होती तो अध्यक्ष रात में छिप कर आते लेकिन ये दिनदहाड़े आ गए हैं….वही लोग असंवैधानिक हैं।” शिवसेना (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने भी सीएम पर बड़ा हमला बोला। उन्होंने कहा- “फैसले से पहले स्पीकर का सीएम से मिलना ‘न्यायाधीश का अभियुक्त से मिलने’ जैसा है।”
संजय राउत ने पूछा- यह कौन सा फैसला है?
शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत ने कहा, “विधानसभा स्पीकर का एक प्रोटोकॉल होता है। अगर विधानसभा स्पीकर एक पीठासीन पद पर बैठे हैं तो अपनी कुर्सी छोड़कर, जो आरोपी है और जिनपर हमने याचिका दायर की है, उनसे जाकर मुलाकात नहीं कर सकते। फिर वे कहते हैं कि वे फैसला देंगे, यह कौनसा फैसला है। यह मैच फिक्सिंग है। PM मोदी महाराष्ट्र आने वाले हैं, क्या उन्हें पता नहीं है कि फैसला आने वाला है…। दिल्ली से लेकर यहां तक इस मामले में मैच फिक्सिंग हो रही है…।”
शिवसेना (यूबीटी) नेता ने कहा- “सीएम अपराधी हैं”
सांसद संजय राउत ने कहा, “हमारा कहना है कि इस राज्य के मुख्यमंत्री गैरकानूनी तरीके से सत्ता में बैठे हैं। वे हमारे हिसाब से एक अपराधी हैं…. आज फैसला है और देश के प्रधानमंत्री 12 जनवरी को महाराष्ट्र आ रहे हैं। इसका मतलब क्या है? अगर आपको पता है कि आज फैसला आने वाला है, संविधान कहता है कि ये सरकार गैरकानूनी है, संविधान के हिसाब से फैसला हो तो सरकार गैरकानूनी हो सकती है और सरकार बर्खास्त हो सकती है। फिर भी पीएम यहां आ रहे हैं, इसका मतलब पीएम को फैसले के बारे में जानकारी है।”
इस बीच विधान भवन के अधिकारियों ने कहा कि फैसले को अंतिम रूप दे दिया गया है और नार्वेकर बुधवार शाम करीब 4 बजे फैसला सुनाएंगे। उन्होंने कहा, “फैसले का ऑपरेटिव हिस्सा बुधवार को नार्वेकर द्वारा घोषित किए जाने की संभावना है और विस्तृत आदेश को बाद में दोनों समूहों को दिया जाएगा।”
अगर फैसला उनके खिलाफ जाता है तो दोनों गुट समीक्षा के लिए सुप्रीम कोर्ट जाने को तैयार हैं। पार्टी के विभाजन के बाद, चुनाव आयोग ने शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को ‘शिवसेना’ नाम और ‘धनुष और तीर’ प्रतीक दिया था, जबकि ठाकरे के नेतृत्व वाले गुट को शिव सेना (यूबीटी) कहा जाना था, जिसका प्रतीक जलती हुई मशाल था।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने भी फैसले की निष्पक्षता पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने कहा, “स्पीकर को इस मामले पर कुछ सप्ताह पहले ही निर्णय ले लेना चाहिए था, लेकिन राजनीतिक विचार-विमर्श के कारण निर्णय में देरी हुई… भाजपा का शीर्ष नेतृत्व इस अवसर का उपयोग महाराष्ट्र में नेतृत्व परिवर्तन को प्रभावित करने के लिए करेगा…। यह बीजेपी के लिए यह तय करने का समय है कि उनके लोकसभा अभियान का नेतृत्व कौन करेगा… कानूनी स्थिति बिल्कुल स्पष्ट है। एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना के 16 विधायकों ने संविधान की 10वीं अनुसूची का उल्लंघन किया है और उन्हें अयोग्य घोषित किया जाना चाहिए…।”