महाराष्ट्र में सरकार गठन पर रार और बैठकों के दौर के बीच गुरुवार (21 नवंबर, 2019) को Congress और NCP की अहम बैठक हुई। दिल्ली में एनसीपी चीफ शरद पवार के आवास पर हुई इस भेंट में दोनों ही दलों के सीनियर नेता था, जिन्होंने लगभग हर मुद्दे पर बात की। बैठक के बाद सीनियर कांग्रेसी नेता पृथ्वीराज चव्हाण ने मीडिया से कहा कि पवार की पार्टी के साथ सभी मुद्दों पर सहमति बन गई है, जबकि शुक्रवार (22 नवंबर, 2019) को शिवसेना के साथ तीन दलों की मुलाकात होगी।

कांग्रेस-एनसीपी की हालिया बैठक में कांग्रेस के सीनियर नेता अहमद पटेल, जयराम रमेश और मल्लिकार्जुन खड़गे थे। वहीं, एनसीपी की तरफ से प्रफुल्ल पटेल, सुप्रिया सुले, अजीत पवार, जयंत पाटिल और नवाब मलिक शामिल थे।

इसी बीच, सूत्रों के हवाले से ‘News 24’ ने बताया कि अगर इन तीनों दलों की सरकार बनी तो उसमें शिवसेना को CM समेत 16 मंत्री पद मिल सकते हैं। वहीं, NCP के पास 15 और कांग्रेस के खाते में 12 मिनिस्टर पोस्ट जा सकती हैं।

इस फॉर्म्युले के तहत सूबे में दो डिप्टी CM होंगे, जिनमें एक कांग्रेस का होगा, जबकि दूसरा एनसीपी से बनेगा। मुख्यमंत्री पद की बात करें, तो वह शिवसेना के पास जाएगा। कुछ अन्य रिपोर्ट्स में कहा गया कि उद्धव मुख्मयमंत्री बनाए जा सकते हैं, जबकि बेटे आदित्य ठाकरे शिक्षा मंत्री बनाए जा सकते हैं, पर फिलहाल इस संदर्भ में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं है।

कैबिनेट में इन चेहरों के शामिल होने की है संभावनाः

उद्धव ठाकरे – मुख्यमंत्री
आदित्य ठाकरे – शिक्षा मंत्री
अजित पवार – गृह मंत्री
जयंत पाटिल – वित्त मंत्री
छगन भुजबल – PwD मंत्री

इनके अलावा नवाब मलिक, एकनाथ शिंदे, सुभाष देसाई और बालासाहब थोराट को भी मंत्री पद मिल सकता है।

वैसे, समाचार एजेंसी PTI-Bhasha ने कांग्रेसी सूत्रों के हवाले से कहा कि शुक्रवार तक महाराष्ट्र में सरकार गठन पर अंतिम फैसले की संभावना है। इससे पहले, Congress और NCP के वरिष्ठ नेताओं ने बुधवार को भी मैराथन बैठक की थी, जिसके बाद घोषणा हुई थी कि वे जल्द ही राज्य में शिवसेना के साथ मिलकर नयी सरकार का गठन करेंगे।

इससे पहले, शिवसेना के फायरब्रांड नेता संजय राउत ने भी इसी दौरान विश्वास जताया था कि दोनों पार्टियां कांग्रेस के साथ एक या दो दिन में सरकार गठन को लेकर निर्णय पर पहुंच जाएंगी। उन्होंने मीडिया से यह भी कहा कि सोनिया और उद्धव के बीच इस सप्ताह कोई बैठक होने की योजना नहीं है।

बता दें कि बीजेपी और शिवसेना ने इस बार का महाराष्ट्र विस चुनाव साथ लड़ा था। दोनों दलों ने 288 सदस्यीय सदन में क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज आसानी से बहुमत का आंकड़ा हासिल कर लिया था। पर सीएम पोस्ट पर फंसे पेंच को लेकर ये दोनों सरकार न बना सकीं।