Maharashtra CM Race: क्या महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नाराज और परेशान हैं? ऐसा तब देखने को मिल रहा है जब विधानसभा चुनावों में भाजपा, शिवसेना और एनसीपी की महायुति ने शिंदे के नेतृत्व में शानदार जीत दर्ज की। लेकिन उसके बाद घटे घटनाक्रम से शिंदे परेशान नजर आ रहे हैं। शुक्रवार को दिल्ली में भाजपा के शीर्ष नेतृत्व के साथ सरकार गठन पर महायुति नेताओं की पहली बैठक के एक दिन बाद शिंदे सतारा में अपने पैतृक गांव दरे के लिए रवाना हो गए। उनकी अचानक यात्रा ने आज मुंबई में सहयोगी दलों की घोषित दूसरी बैठक को रोक दिया, जिससे अटकलों का दौर शुरू हो गया।
हालांकि, उनकी पार्टी शिवसेना ने इन अटकलों को खारिज कर दिया। शिवसेना नेता सामंत ने कहा कि वह (शिंदे) परेशान नहीं हैं। दिल्ली में भी उन्हें बुखार और सर्दी थी। यह कहना गलत होगा कि वह परेशान होने के कारण दरे गए हैं।” सामंत ने कहा कि किसी को भी स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं और अगर वह (स्वास्थ्य कारणों से) किसी अच्छी जगह गए हैं, तो यह निष्कर्ष निकालने का कोई मतलब नहीं है कि वह परेशान हैं।
लेकिन शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहानी में एक नया मोड़ ला दिया। शिरसाट ने कहा कि जब भी एकनाथ शिंदे को लगता है कि उन्हें सोचने के लिए कुछ समय चाहिए तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। जब उन्हें (एकनाथ शिंदे को) कोई बड़ा फैसला लेना होता है तो वह अपने पैतृक गांव चले जाते हैं। कल शाम तक वह (एकनाथ शिंदे) बहुत बड़ा फैसला ले लेंगे।
शिवसेना ने कहा है कि शिंदे ने अभी तक यह तय नहीं किया है कि वह अगली महायुति सरकार में फडणवीस के साथ भूमिका बदलने के लिए तैयार हैं या नहीं। संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद स्वीकार नहीं करते हैं, तो हमारी पार्टी के किसी अन्य नेता को यह पद मिलेगा। वह (शिंदे) इस पर फैसला लेंगे।
पार्टी ने केंद्रीय मंत्रिमंडल में शिंदे के लिए किसी भी भूमिका से जुड़े किसी भी समझौते के फार्मूले से भी इनकार किया है। शिरसाट ने कहा कि शिंदे निश्चित रूप से केंद्रीय मंत्री के रूप में केंद्र में नहीं जाएंगे।
इस सप्ताह की शुरुआत में शिंदे ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में घोषणा की थी कि वे नई सरकार के गठन में बाधा नहीं बनेंगे और मुख्यमंत्री के चयन पर प्रधानमंत्री मोदी और अमित शाह के फैसले का पालन करेंगे। शिंदे ने कहा कि आप (पीएम मोदी) हमारे परिवार के मुखिया हैं। जिस तरह से बीजेपी के लोग आपके फैसले को स्वीकार करते हैं, हम भी उसी तरह से आपके फैसले को स्वीकार करेंगे। मैंने कल पीएम मोदी और गृह मंत्री अमित शाह को फोन किया और उनसे कहा कि मेरी वजह से सरकार बनाने में कोई समस्या नहीं होगी।
नतीजों के बाद, शिवसेना ने नीतीश कुमार के बिहार मॉडल का हवाला देते हुए महायुति के नेतृत्व में निरंतरता के लिए एक ठोस अभियान चलाया था। शिवसेना नेताओं ने विधानसभा चुनावों में गठबंधन की भारी जीत का श्रेय शिंदे के शासन को देते हुए उनके लिए दूसरे कार्यकाल की मांग की। लेकिन 288 सदस्यीय विधानसभा में 132 सीटों के साथ बीजेपी इस बार सरकार का नेतृत्व करना चाहती है, जिससे अगले मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस की वापसी का रास्ता साफ हो गया है।
बता दें, महाराष्ट्र की जनता जिसने विधानसभा चुनाव में महायुति को शानदार जीत दिलाई थी, उसे अपनी सरकार के लिए अगले सप्ताह तक इंतजार करना होगा, क्योंकि नई सरकार में सत्ता की साझेदारी को लेकर सहयोगी दलों की चुनाव पूर्व मित्रता की कड़ी परीक्षा हो रही है।
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