महाराष्ट्र में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली Shivsena, NCP और Congress के गठबंधन (महाविकास अघाड़ी) की सरकार का सोमवार को विस्तार हुआ। कैबिनेट में शिवसेना चीफ उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे समेत 36 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली, जबकि एनसीपी के अजित पवार ने डिप्टी-सीएम पद की शपथ ली। हालांकि, इस विस्तार में कुछ नेताओं को मंत्री पद नहीं मिला को वे कथित तौर पर कार्यक्रम से गुल रहे।

शिवसेना के फायर ब्रांड नेता और राज्य सभा सांसद संजय राउत ने इसी मसले पर मीडिया से कहा- चूंकि, यह तीन पार्टियों की मिली-जुली सरकार है, इसलिए लोगों को समझना चाहिए कि हमारे पास अधिक विकल्प नहीं हैं। तीनों पार्टियों में सक्षम लोग हैं। हमारे लोगों (शिवसेना के विधायकों) को थोड़ा धैर्य रखना चाहिए। हमारे लिए यही खुशी की बात है कि उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री हैं।

सूत्रों के हवाले से कुछ रिपोर्ट्स में कहा गया कि राउत भी अपने भाई सुनील को मंत्री न बनाए जाने पर खफा हैं। वह भी शपथ ग्रहण में नहीं शामिल हुए। सीएम से नाराजगी की खबरों को उन्होंने सिरे से खारिज किया है। भाई सुनील मुंबई के विक्रोली से विधायक हैं और वह इस सरकार में मंत्री पद के मजबूत दावेदार माने जा रहे थे। फिलहाल उनकी ओर से इस बाबत मीडिया को कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है।

इसी बीच, पत्रकारों से मुंबई में संजय राउत बोले- मैं और मेरा परिवार हमेशा शिवसेना के साथ रहा है। कभी भी हमने किसी चीज को लेकर मांग नहीं की। हमने सूबे की सरकार बनाने में अहम भूमिका अदा की। भाई ने भी कभी मंत्री की मांग नहीं की। ये सब महज अफवाहें हैं। वहीं, विधायक प्रताप सारनिक, तानाजी सावंत, सुनील प्रभु, रवींद्र वायकर, भास्कर जाधव और रामदास कदम भी मंत्री पद न मिलने से खफा बताए गए और कहा गया कि इन्होंने इसी वजह से शपथ के कार्यक्रम में जाने से तौबा कर ली।

उधर, BJP ने भी इस इवेंट में जाना ठीक न समझा। नाम न बताने की शर्त पर भगवा पार्टी के एक प्रवक्ता ने मीडिया को बताया, “यह सरकार राज्य में किसानों की अपेक्षाओं पर खरी नहीं उतरी है, इसलिए हमने भव्य समारोह में न जाने का फैसला लिया।” वहीं, एक और बीजेपी नेता बोले- मंत्रिमंडल विस्तार समारोह में भाग लेने की कोई जरूरत नहीं थी। ऐसा इसलिए, क्योंकि पार्टी के सीनियर नेता 28 नवंबर को दादर में शिवाजी पार्क में उद्धव के शपथग्रहण समारोह में शामिल हुए थे।

मुख्यमंत्री ने रात को पत्रकारों से बातचीत में अपनी मंत्रिपरिषद को अनुभवी नेताओं की ‘‘सर्वश्रेष्ठ टीम’’ बताया और कहा कि ये नेता ‘‘लोगों की नब्ज’’ को जानते हैं। उन्होंने कहा कि विभागों का बंटवारा एक ‘‘दिन या दो दिन’’ में कर दिया जायेगा। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने 36 मंत्रियों को शपथ ग्रहण कराई। इनमें से राकांपा के 10 कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री, शिवसेना के आठ कैबिनेट एवं चार राज्य मंत्री और कांग्रेस के आठ कैबिनेट एवं दो राज्य मंत्री शामिल हैं।

इसके साथ ही मंत्रिपरिषद में राकांपा के कुल 12 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं। शिवसेना के 10 कैबिनेट मंत्री और चार राज्य मंत्री हैं जबकि कांग्रेस के 10 कैबिनेट और दो राज्य मंत्री हैं। मुख्यमंत्री समेत राज्य में अब 43 मंत्री हैं। ठाकरे नीत महाराष्ट्र विकास अघाड़ी के सत्ता में आने के एक महीने से ज्यादा समय बाद मंत्रिमंडल का यह विस्तार हुआ है।