भाजपा के एक सासंद ने दलित होने के नाते खुद के साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया है। बता दें कि महाराष्ट्र के लातूर से बीजेपी के लोकसभा सांसद सुधाकर श्रंगारे ने आरोप लगाया है कि दलित होने के चलते सरकारी एजेंसियों द्वारा उन्हें स्थानीय स्तर पर आयोजित होने वाले कार्यक्रमों में जानबूझकर नहीं बुलाया जाता। श्रंगारे ने यह बातें एक कार्यक्रम में कहीं जहां केंद्रीय मंत्री रामदास आठवले और महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद थे।

श्रंगारे के इस बयान पर कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय सामाजिक न्याय राज्य मंत्री आठवले ने कहा कि सांसद द्वारा उठाए गए मुद्दे गंभीर हैं। उन्होंने चिंता जताते हुए कहा कि इसे गंभीरता से लेने की जरुरत है। वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने भी कहा, “एक सांसद का सम्मान किया जाना चाहिए अधिकारियों को एक समान व्यवहार करना चाहिए।” उन्होंने ऐसा दोबारा होने पर सख्त कार्रवाई की बात कही।

बता दें कि बीते बुधवार को लातूर में एक उद्यान में बाबासाहेब भीम राव आंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण के कार्यक्रम में श्रंगारे ने स्थानीय प्रशासन पर यह आरोप लगाया। उन्होंने कहा, “जिला कलेक्टर कार्यालय और यहां नगर निगम में भी कई कार्यक्रम होते हैं। लेकिन मुझे जानबूझकर आमंत्रित नहीं किया जाता है।

श्रंगारे ने कहा कि क्या मैं यह तय कर सकता हूं कि मुझे कहां और किस परिवार में जन्म लेना चाहिए? मेरा दलित होने के नाते अपमान किया जाता है।उन्होंने कहा कि कार्यक्रमों के निमंत्रण कार्ड में मेरा नाम नहीं छापा जाता। मैं पिछले तीन साल से कुछ नहीं बोला लेकिन आज सबको यह बताना चाहता हूं।

श्रंगारे ने कहा, “मैंने लातूर में एक ऑक्सीजन संयंत्र लगवाया, लेकिन मैं जैसे ही दिल्ली गया, यहां इसका उद्घाटन कर दिया गया। हम सभी को यह मुद्दा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के समक्ष उठाना चाहिए।” वहीं डॉ अंबेडकर की 72 फीट ऊंची प्रतिमा को लेकर उन्होंने कहा कि मूर्ति का काम शुरू होने के दो दिनों के अंदर ही रोका गया था। इसके निर्माण में काफी बाधाएं आई लेकिन शिलान्यास होने के बाद 28 दिनों में इस काम को हमने पूरा कर लिया।