लोकसभा चुनावों में विपक्षी दलों के महा विकास अघाड़ी (MVA) गठबंधन ने 48 लोकसभा सीटों में से 30 सीटें जीतकर महायुति गठबंधन को करारा झटका दिया। हालांकि विधानसभा क्षेत्रों के आंकड़ों से पता चलता है कि चुनाव कांटे की टक्कर वाले होने की संभावना है। 31 विधानसभा क्षेत्रों में जीत का अंतर 5,000 वोटों से कम था। लोकसभा चुनावों के रुझानों के विश्लेषण से पता चलता है कि MVA ने 158 विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की, जो 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के आंकड़े 145 से काफी अधिक है।

MVA और महायुती में कांटे की टक्कर

इसके अलावा महायुति भी 125 क्षेत्रों में बढ़त के साथ एक मजबूत दावेदार रूप में उभरी है। दोनों गठबंधनों के बीच का अंतर 33 सीटों का है। मुंबई में अंधेरी पश्चिम और मलाड पश्चिम से लेकर पालघर में दहानू और बीड में माजलगांव तक 31 कम अंतर वाली सीटें किसी भी पक्ष के पक्ष में परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती हैं। करीबी मुकाबले वाली सीटें में एमवीए ने 16 सीटों पर बढ़त हासिल की, जबकि महायुति 15 सीटों पर बढ़त के साथ दूसरे नंबर रहीं।

हालांकि लोकसभा और विधानसभा चुनावों में मतदान पैटर्न काफी हद तक अलग-अलग होते हैं। लेकिन लोकसभा चुनाव सबसे करीबी तुलना पेश करते हैं क्योंकि 2022 और 2023 में शिवसेना और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) में विभाजन के बाद राज्य का राजनीतिक परिदृश्य बदल गया है। एमवीए में कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) और एनसीपी (शरद पवार) शामिल हैं। भाजपा अपने सहयोगी शिवसेना और एनसीपी के साथ महायुति गठबंधन में है।

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उद्धव ठाकरे और शरद पवार विभाजन के बाद उनके लिए पैदा हुई सहानुभूति का फायदा उठाने की उम्मीद कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस ने राज्य में अपनी स्थिति फिर से सही कर ली है। दूसरी ओर महायुति को हाल ही में हरियाणा में मिली जीत से हौंसला बढ़ा है। इसके बाद वह राज्य सरकार द्वारा चलाई जा रही कल्याणकारी योजनाओं पर निर्भर है।

MVA को क्या है उम्मीद?

एमवीए के लिए विधानसभा चुनाव हाल ही में मिली चुनावी सफलता को आगे बढ़ाने का अवसर प्रदान करते हैं। जबकि महायुति के लिए यह उसकी योजनाओं और कार्यक्रमों की परीक्षा है, जिसमें लड़की बहन योजना भी शामिल है। इसी पर महायुति गठबंधन ने अपना अभियान भी केंद्रित किया है। कुल मिलाकर चुनावों में न केवल महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य को फिर से बदलने की क्षमता है, बल्कि राष्ट्रीय राजनीति की व्यापक रूपरेखा को भी प्रभावित करने की क्षमता है।