मध्य प्रदेश में Congress के पूर्व कद्दावर नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया बुधवार (11 मार्च, 2020) को BJP में शामिल हो गए। भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई। सिंधिया ने कहा, “मैं नड्डा जी, मोदी जी और शाह जी का शुक्रगुजार हूं, जो उन्होंने मुझे अपने परिवार में बुलाया और इसमें जगह दी।”

सिंधिया ने आगे यह भी कहा, “कांग्रेस अब वह पार्टी नहीं रही, जो पहले थी। मैं विश्वास से कह सकता हूं कि जिस जन सेवा का हमारा लक्ष्य था, वह कांग्रेस में रहकर पूरी नहीं हो पा रही थी।” हालांकि, गृह मंत्री अमित शाह इस कार्यक्रम नहीं उपस्थित थे, जबकि पहले कहा जा रहा था कि वह भी मौजूद रहेंगे।

हालांकि, सिंधिया को बीजेपी में लाने पर पार्टी सांसद प्रभात झा खफा हो गए हैं। उन्होंने इस मुद्दे पर भाजपा के सामने खुलकर नाराजगी जाहिर की है। झा मौजूदा समय में बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष हैं। वह इसके अलावा सीनियर बीजेपी नेता हैं और दो बार सूबे में भाजपा चीफ रहे हैं।

सूत्रों के हवाले से मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया कि सिंधिया को प्रभात झा की सीट से राज्यसभा भेजा जा सकता है। यानी सिंधिया के आने से उनका पत्ता कट सकता है।

नाराजगी पर क्या दी सफाई?: हालांकि, बाद में प्रभात झा ने अपनी नाराजगी की खबरों को सिरे से खारिज किया। उन्होंने ट्वीट कर कहा- निरर्थक और निराधार ख़बरों से मेरा कोई संबंध नहीं है। इस शरारतपूर्ण खबर कि मैं भर्त्सना करता हूं। मेरी प्रामाणिकता, नैतिकता और पार्टी निष्ठा  को  कोई चुनौती नहीं दे सकता।

Madhya Pradesh Govt Crisis LIVE Updates

लगे सिंधिया, मोदी और शाह के साथ वाले बैनरः सिंधिया के बीजेपी में शामिल होने से पहले सुबह भिंड (मध्य प्रदेश) में सिंधिया के साथ मोदी और शाह के फोटो वाले पोस्टर बैनर लगे थे, जबकि 10 मार्च को भोपाल स्थित कांग्रेस दफ्तर में उनके नाम वाली नेम प्लेट हटा दी गई थी।

हॉर्स ट्रेडिंग को लेकर BJP पर बरसे गहलोतः राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर एयरपोर्ट पर बुधवार को पत्रकारों से कहा- ऐसे अवसरवादियों को पहले ही पार्टी छोड़ देनी चाहिए थी। कांग्रेस पार्टी ने उन्हें 18 साल दिए। मौका आने पर उन्होंने मौकापरस्ती दिखा दी, लेकिन जनता उन्हें सबक सिखाएगी।

‘सत्ता में बैठे लोग कर रहे नंगा नाच’: बकौल गहलोत, “सबने देखा कि कैसे लोकतंत्र की हत्या की। विधायक जयपुर आ रहे हैं। आप देख सकते हैं कि कैसे हॉर्स ट्रेडिंग (म.प्र में) की कोशिशें की गईं। ऐसा नंगा नाच कभी नहीं देखा गया, जो सत्ता में बैठे लोग कर रहे हैं। पर हम एक साथ खड़े हैं।”

मोदी से भेंट बाद सार्वजनिक किया था त्याग-पत्रः सिंधिया ने नौ मार्च को कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था, जबकि होली के दिन उन्होंने मोदी-शाह से मुलाकात के ऐन बाद अपना त्यागपत्र सार्वजनिक किया। सिंधिया के इस्तीफे के बाद उनके समर्थक विधायकों ने भी कांग्रेस छोड़ दी थी।