बाहुबली नेता और उत्तर प्रदेश के मंत्री रहे अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी के जेल से बाहर आ गए हैं। लेकिन दोनों जेल से बाहर तभी निकल पाए जब दोनों ने अलग अलग 25-25 लाख के बॉन्ड जमा करवाए। मधुमिता शुक्ला मर्डर केस में दोनों सजा काट रहे थे। दोनों की जेल से रिहाई का रास्ता तब साफ हुआ जब सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार के उस फैसले में दखल देने से इनकार कर दिया, जिसमें उनकी समय पूर्व रिहाई का आदेश दिया गया था। दोनों गोरखपुर की जेल में सजा काट रहे थे। यूपी सरकार के फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।

योगी सरकार ने अमरमणि और उनकी पत्नी को जेल से बाहर करने का रास्ता साफ कर दिया था। उसके बाद गोरखपुर के जिला मजिस्ट्रेट ने ये आदेश जारी किया। 25-25 लाख के बॉन्ड जिला मजिस्ट्रेट के दफ्तर के जरिये सरकार के पास जमा कराए जाएंगे। यूपी सरकार ने दोनों की उम्र को देखते हुए रिहाई का फैसला किया। अमरमणि त्रिपाठी की उम्र इस समय 66 साल है जबकि उनकी पत्नी की 61 साल है। दोनों इस समय गोरखपुर के बीआरडी मेडिकल कॉलेज में एडमिट हैं।

अमरमणि त्रिपाठी और उनकी पत्नी को को पोएट मधुमिता शुक्ला की हत्या के मामले में 2007 में सजा सुनाई गई थी। रिकार्ड के हिसाब दोनों 16 साल से ज्यादा की सजा काट चुके हैं। लेकिन मधुमिता शुक्ला की बहन निधि शुक्ला का आरोप है कि पूर्व मंत्री और उनकी पत्नी अपना सजा के 60 फीसदी हिस्से में जेल से बाहर रहे हैं। उनका कहना है किस सरकार कह रही है कि दोनों का जेल में बर्ताव अच्छा रहा। इसके बेस पर उनको छोड़ने का फैसला किया गया है। निधि ने आशंका जताई है कि दोनों के जेल से बाहर आने के बाद उसके साथ परिवार की जान को खतरा पैदा हो गया है।

मधुमिता की बहन ने जुटाई थी RTI से जानकारी, दोनों 60 फीसदी समय रहे जेल से बाहर

निधि का कहना है कि उन्होंने RTI के जरिये जो जानकारी जुटाई है उसमें पता चला है कि दोनों सजा के बड़े हिस्से के दौरान बाहर तफरीह कर रहे थे। मधुमिता की बहन का कहना है कि दोनों को रिहा करने के खिलाफ वो सुप्रीम कोर्ट तक गईं लेकिन वहां से सरकार के फैसले में दखल देने से मना कर दिया गया। उसका कहना है कि अमरमणि के मुलायम सिंह यादव से अच्छे संबंध थे। उसके बाद वो मायावती के नजदीक हो गया था। 2007 के एक इंटरव्यूह में उसने अपनी जान को खतरा बताया था। उसके बाद ही सुप्रीम कोर्ट ने दखल दिया था।