दिल्ली पुलिस ने गणतंत्र दिवस के दिन राजधानी के विभिन्न इलाकों में किसानों की ट्रैक्टर रैली के दौरान हुई हिंसा मामले में राकेश टिकैत, योगेंद्र व मेधा पाटकर सहित 44 किसान नेताओं के खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी किया है। इनमें से 37 के खिलाफ दिल्ली हिंसा मामले में प्राथमिकी दर्ज है।

दिल्ली पुलिस के प्रमुख एसएन श्रीवास्तव ने गुरुवार को यह जानकारी मीडिया को दी। हिंसा के आरोपी बनाए गए किसी भी शख्स को देश से बाहर जाने से रोकने के लिए उनके विरुद्ध लुकआउट नोटिस जारी किया जाता है। उन्होंने बताया कि 44 लोगों के खिलाफ ‘लुकआउट’ नोटिस जारी किया गया है।

अधिकारी ने बताया कि दिल्ली पुलिस ने ट्रैक्टर रैली के दौरान हिंसा के मामले में राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव और मेधा पाटकर समेत 37 किसान नेताओं के नाम दर्ज किए हैं। इस प्राथमिकी में हत्या की कोशिश, दंगा और आपराधिक साजिश के आरोप लगाए गए हैं। हिंसा के मामलों में दर्शन पाल, गुरनाम सिंह चढूनी, कुलवंत सिंह संधू, सतनाम सिंह पन्नू, जोगिंदर सिंह उग्राहां, सुरजीत सिंह फूल, जगजीत सिंह दालेवाल, बलबीर सिंह राजेवाल और हरिंदर सिंह लखोवाल के नाम हैं। आरोपियों की तलाश के लिए कई टीमों का गठन किया गया है। साजिश और आपराधिक मामलों की जांच दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा करेगी।

अधिकारी ने कहा कि पुलिस 26 जनवरी को हुई हिंसा के संबंध में अब तक 33 प्राथमिकियां दर्ज कर चुकी है। हिंसा में 394 पुलिसकर्मी घायल हो गए थे और एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई थी।

लुकआउट नोटिस वापस लें : अमरिंदर
पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने मांग की है कि किसानों के नाम जारी किए गए सभी लुकआउट नोटिस वापस लिए जाएं। ट्वीट कर उन्होंने कहा कि जिनके नाम नोटिस जारी किए गए हैं वे छोटे किसान हैं, विजय माल्या या नीरव मोदी की तरह के आर्थिक अपराधों के आरोपी नहीं हैं। उन्होंने कहा कि दिल्ली पुलिस 26 जनवरी की हिंसा के नाम पर किसान नेताओं को परेशान कर रही है।

दूसरी ओर, कैप्टन अमरिंदर ने केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावडेकर पर आरोप लगाया कि वे ट्रैक्टर परेड के दौरान भड़की हिंसा का दोष दूसरों पर डालने की हताश एवं अपमानपूर्ण कोशिश कर रहे हैं। सिंह ने आरोप लगाया कि किसानों को भाजपा के समर्थकों और कार्यकर्ताओं ने आम आदमी पार्टी (आप) के साथ मिलाकर भड़काया। इसके बाद ट्रैक्टर परेड में अव्यवस्था फैल गई और प्रदर्शनकारियों का एक वर्ग दिल्ली पुलिस से हुए समझौते को तोड़कर हिंसा में शामिल हो गया।

जावडेकर ने बुधवार को हिंसा के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया था कि भारत लाल किले पर तिरंगे का अपमान बर्दाश्त नहीं करेगा। कैप्टन अमरिंदर ने जावडेकर के आरोपों पर पलटवार करते हुए कहा, भाजपा और आप के कार्यकर्ता एवं समर्थक लाल किले पर निशान साहिब का ध्वज फहराते हुए कैमरे में कैद हुए हैं न कि कांग्रेस के सदस्य।