लोकसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों का चुनाव प्रचार जारी है। मध्य प्रदेश में बीजेपी का फोकस सभी 29 लोकसभा सीटें जीतने पर है। मध्य प्रदेश में बीजेपी ने विधानसभा चुनाव बाद नेतृत्व परिवर्तन भी किया और मोहन यादव को मुख्यमंत्री बनाया। मोहन यादव के मुख्यमंत्री बनाने के पीछे की रणनीति यूपी-बिहार में यादव वोटर्स तक पहुंच है। इन सब मुद्दों को लेकर मोहन यादव ने द इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत की।

यादव मतदाताओं तक कैसे पहुंचेंगे मोहन यादव?

मोहन यादव से पूछा गया कि बीजेपी ने आपको यादव मतदाताओं तक पहुंचने के लिए पिछले कुछ महीनों में यूपी और बिहार का दौरा करने का काम सौंपा है? इसके जवाब में मोहन यादव ने कहा, “बीजेपी जाति, वंश या परंपरा नहीं देखती। मैं एक मजदूर का बेटा हूं। केवल भाजपा ही है जो किसी भी पार्टी कार्यकर्ता को मौका दे सकती है। यादव समुदाय से होने के नाते अगर मैं देशवासियों से कह सकता हूं कि इस देश में हर समुदाय के लोगों को समान अवसर मिल रहे हैं, तो इसमें गलत क्या है? हमारा देश अपनी विविधता के लिए जाना जाता है।”

मुस्लिम आरक्षण पर दिया जवाब

इसके बाद मोहन यादव से पूछा गया कि बीजेपी का आरोप है कि सत्ता में आने पर कांग्रेस मुसलमानों को ओबीसी के हिस्से से आरक्षण देगी? इसके जवाब में उन्होंने कहा, “अफवाहों या आरोपों के बजाय तथ्यों पर भरोसा करना जरूरी है। कांग्रेस ने झूठ बोलने और देश को धोखा देने के अलावा कुछ नहीं किया है। पिछले 10 वर्षों में पीएम मोदी ने आरक्षण समाप्त नहीं किया और ऐतिहासिक रूप से हाशिए पर रहने वाले समुदायों के लिए सामाजिक न्याय और समान अवसर सुनिश्चित करने के लिए किसी से भी अधिक मेहनत की है। मौजूदा आरक्षण व्यवस्था धार्मिक पहचान पर नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक मानदंडों पर आधारित है।”

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए मोहन यादव ने कहा, “कांग्रेस ने अपने पूरे कार्यकाल में केवल संविधान का अपमान किया है। जब इंदिरा गांधी ने राजनीतिक सत्ता बरकरार रखने के लिए आपातकाल लगाया तो कांग्रेस ने संविधान की आत्मा की हत्या कर दी। कांग्रेस नेता जो आशीर्वाद लेने के लिए राम मंदिर भी नहीं गए, वे संविधान के बारे में बात कर रहे हैं। उन्होंने अपना नैतिक आधार खो दिया है। पिछले 10 वर्षों से पीएम मोदी वर्षों ने संविधान की मूल संरचना को बनाए रखने के अलावा कुछ नहीं किया है।”

कांग्रेस के धन वितरण पर मोहन यादव ने कहा, “कांग्रेस ने लोगों का धन छीनकर घुसपैठियों में बांटने की साजिश रची है और इसीलिए वे नागरिकता संशोधन कानून का विरोध कर रहे हैं और धन के पुनर्वितरण की बात कर रहे हैं। यह और कुछ नहीं बल्कि एक और घोटाला है।”