लोकसभा चुनाव में इस बार कुल 8,360 उम्मीदवार मैदान में हैं। वर्ष 1996 के संसदीय चुनावों के बाद सबसे अधिक उम्मीदवार इसी दफा चुनाव में आमने-सामने हैं। लोकसभा की 543 सीट के लिए वर्ष 2019 के चुनावों में 8,039 उम्मीदवार मैदान में थे। इससे पहले 1996 में रिकॉर्ड 13,952 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा था। वर्ष 2019 के मुकाबले इस बार 3.99 फीसदी ज्यादा उम्मीदवार चुनाव में हैं।

जानिए किस चरण में कितने उम्मीदवार मैदान में

आधिकारिक आंकड़ों के विश्लेषण से यह जानकारी सामने आई है। इस बार लोकसभा के चुनाव सात चरणों में हो रहे हैं। इनमें पांच दौर का मतदान पूरा हो चुका है। छठे और अंतिम चरण के तहत क्रमश: 25 मई और 1 जून को मतदान होगा। मतों की गिनती चार जून को होगी। चौथे चरण में 10 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 96 लोकसभा सीट पर 13 मई को मतदान हुआ था। इस चरण में सबसे अधिक 1,717 उम्मीदवार मैदान में थे।

निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के अनुसार 19 अप्रैल को आयोजित पहले चरण के चुनाव में 21 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों की 102 सीट पर 1,625 उम्मीदवार थे। दूसरे चरण में 26 अप्रैल को 13 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 89 सीट पर 1,198 उम्मीदवार थे ,जबकि सात मई को तीसरे चरण में 12 राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 94 सीट पर 1,352 उम्मीदवार मैदान में थे। इसी तरह पांचवें चरण में 20 मई को आठ राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों की 49 सीट पर 695 उम्मीदवार थे। आगामी छठे और सातवें चरण में 25 मई और एक जून को क्रमश: 869 और 904 उम्मीदवार मैदान में हैं।

चार गुना बढ़ी उम्मीदवारों की संख्या

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार लोकसभा चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की संख्या वर्ष 1952 में 1,874 थी, जो 2024 में चार गुना से अधिक बढ़कर 8,360 हो गई है। 1952 में देश में पहली बार आम चुनाव हुए थे। तब के मुकाबले अब प्रति निर्वाचन क्षेत्र उम्मीदवारों की औसत संख्या 4.67 से बढ़कर 15.39 हो गई है। वर्ष 1977 में छठे लोकसभा चुनावों के अंत तक औसतन प्रति लोकसभा सीट पर केवल तीन से पांच उम्मीदवार हुआ करते थे, लेकिन पिछले आम चुनावों में देशभर में प्रति निर्वाचन क्षेत्र में 14.8 उम्मीदवार चुनाव मैदान में थे। यानी पिछले कुछ वर्षों में चुनाव लड़ने वाले उम्मीदवारों की कुल संख्या में वृद्धि हुई है।

आधिकारिक आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 1952 में 489 सीटों के लिए 1,874 उम्मीदवारों के साथ प्रति निर्वाचन क्षेत्र औसतन 3.83 प्रत्याशी थे, तो 1971 में यह संख्या बढ़कर 2,784 हो गई, जिसका औसत 5.37 प्रति निर्वाचन क्षेत्र था। 1977 में 2,439 उम्मीदवारों ने चुनाव लड़ा, जिनका प्रति निर्वाचन क्षेत्र औसत 4.5 था। आंकड़ों से पता चलता है कि वर्ष 1980 के चुनावों में 8.54 प्रति सीट के औसत के साथ उम्मीदवारों की संख्या बढ़कर 4,629 हो गई। वर्ष 1984-85 के आठवें आम चुनाव में प्रति निर्वाचन क्षेत्र औसतन 10.13 उम्मीदवारों के साथ 5,492 प्रत्याशी मैदान में थे।

इसी तरह 1989 में नौवें आम चुनाव में प्रति लोकसभा सीट 11.34 के औसत के साथ 6,160 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि 1991-92 में 10वें आम चुनावों में 8,668 उम्मीदवारों ने 15.96 प्रति सीट के औसत के साथ 543 सीट के लिए चुनाव लड़ा। 1996 में 543 लोकसभा सीट के लिए रेकार्ड 13,952 उम्मीदवार मैदान में थे, जबकि प्रति सीट औसत उम्मीदवार 1991 के 16.38 की तुलना में बढ़कर 25.69 हो गया। आयोग द्वारा जमानत राशि 500 रुपए से बढ़ाकर 10,000 रुपए किए जाने से जाहिर तौर पर 1998 के लोकसभा चुनावों में प्रति सीट उम्मीदवारों की संख्या कम हो गई और यह प्रति सीट 8.75 फीसदी रही।

महिला प्रत्याशियों की संख्या कम

इस बार के लोकसभा चुनाव में महिला प्रत्याशियों की संख्या 10 फीसदी कम है। चुनाव अधिकारों से जुड़े विषयों पर काम करने वाली एक संस्था ने अपने विश्लेषण में यह जानकारी साझा की। ‘एसोसिएशन फार डेमोक्रेटिक रिफार्म्स’ (एडीआर) के अनुसार उसने 8,337 उम्मीदवारों का विश्लेषण किया, जिनमें से महिलाएं केवल 797 हैं, जो कि चुनाव के सात चरणों में मैदान में उतरे कुल उम्मीदवारों का मात्र 9.5 फीसदी है। लोकसभा में महिलाओं के लिए एक तिहाई सीट आरक्षित करने वाला महिला आरक्षण विधेयक पारित होने के बाद यह पहला चुनाव है। हालांकि यह विधेयक अभी लागू नहीं हुआ है।

पहले चरण के चुनाव के दौरान 1,618 उम्मीदवारों में से केवल 135 महिलाएं थीं। दूसरे चरण में भाग लेने वाले 1,198 उम्मीदवारों में से 1,192 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, जिनमें 100 से अधिक महिलाएं थीं। तीसरे चरण में 1,352 उम्मीदवार थे, जिनमें महिलाओं की संख्या महज 123 थी। चौथे चरण में 1,717 उम्मीदवारों में से 1,710 के हलफनामों का विश्लेषण किया गया, जिनमें 170 महिलाएं थीं। पांचवें चरण में सबसे कम 695 उम्मीदवार थे, जिनमें 82 महिलाएं थीं। छठे चरण के 869 उम्मीदवारों में 92 महिलाएं हैं, जबकि सातवें चरण के लिए 904 उम्मीदवार मैदान में हैं, जिनमें केवल 95 महिलाएं हैं।