संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान लोकसभा में काफी हंगामा दिखाई दिया। सत्र के तीनों सेशन सत्ता और विपक्ष के बीच नौकझोंक से काफी प्रभावित हुए। तीसरे सेशन में 65 घंटे और तीनों सेशन को मिलाकर 70 घंटे से ज़्यादा का नुकसान हुआ है। लोकसभा की कार्यवाही 25 नवंबर को शुरू हुई थी। लोकसभा के पहले सेशन में कुल 5 घंटे और 37 मिनट, दूसरे सेशन में 1 घंटे और 53 मिनट और आखिरी सेशन में 65 घंटे और 15 मिनट का नुकसान हुआ।
संसद परिसर में 19 दिसंबर को बीजेपी और कांग्रेस सांसदों के बीच काफी टकराव देखने को मिला। जिसके शीतकालीन सत्र अनिश्चित काल के लिए स्थगित कर दिया गया।
किस तरह प्रभावित हुआ सत्र?
लोकसभा के पहले सत्र में NDA और कांग्रेस के बीच गौतम अडानी अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस के मुद्दों पर विवाद देखने को मिला। एक तरफ कांग्रेस मांग कर रही थी कि अमेरिका में अडानी पर लगाए आरोपों पर बात की जाए वहीं बीजेपी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी, सोनिया गांधी के अमेरिकी अरबपति जॉर्ज सोरोस से कथित संबंध को लेकर आरोप लगाए। बहस के मामले में लोकसभा के पहले सेशन के दौरान 34.16 घंटे चर्चा हुई, जो दूसरे सत्र में बढ़कर 115.21 घंटे हो गई। हालांकि, तीसरे सत्र में यह आंकड़ा घटकर सिर्फ़ 62 घंटे रह गया।
पहले सेशन में सरकार द्वारा कोई विधेयक पेश नहीं किया गया। दूसरे सेशन में सरकार ने 12 विधेयक पेश किए, जिनमें से चार लोकसभा में पारित हो गए। तीसरे सेशन में सरकार ने पांच विधेयक पेश किए, जिनमें से चार को मंजूरी दे दी गई। तटीय नौवहन विधेयक, 2024, व्यापारिक नौवहन विधेयक, 2024, संविधान (एक सौ उनतीसवां संशोधन) विधेयक, 2024, संघ राज्य क्षेत्र कानून (संशोधन) विधेयक, 2024 और विनियोग (सं. 3) विधेयक, 2024 को लोकसभा के तीसरे सत्र में पेश किया गया।
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शीतकालीन सत्र के आखिरी दो दिन काफी हंगामे से भरे रहे। बीजेपी और कांग्रेस सांसदों के बीच धक्कामुक्की की स्थिति बनी। वजह गृहमंत्री अमित शाह का बाबा साहब आंबेडकर को लेकर दिया गया बयान था। जिसे कांग्रेस ने उनका अपमान बताया।