लोक सभा चुनाव की तारीखों के ऐलान में अब कुछ ही समय बचे हैं, लेकिन विपक्षी दलों के गठबंधन अभी तक अपना साझा अभियान शुरू नहीं कर सकी है। देश की सबसे पुरानी पार्टी कांग्रेस ने यूपी में समाजवादी पार्टी और दिल्ली में आम आदमी पार्टी के साथ सीटों का बंटवारा कर लिया है। पार्टी ने दिल्ली के अलावा आम आदमी पार्टी के साथ गुजरात, हरियाणा, गोवा और चंडीगढ़ में भी सीटों के बंटवारे पर समझौते की घोषणा की है, लेकिन पार्टी की मुश्किलें अभी खत्म नहीं हुई हैं।

बंगाल में ममता बनर्जी ने अकेले चुनाव लड़ने का किया है ऐलान

बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच समझौता नहीं हो पा रहा है। पार्टी चीफ ममता बनर्जी ने पहले ही पार्टी के अकेले चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है। दोनों दलों के बीच समझौता नहीं हो पाने के पीछे सीटों की संख्या भी बड़ा मुद्दा रहा है। राज्य में पार्टी 10 सीटों मांग रही थी, लेकिन टीएमसी दो सीटों से ज्यादा देने पर सहमत नहीं थी। इससे पार्टी में बेचैनी बनी हुई है। हालांकि पार्टी को अब भी कुछ न कुछ रास्ता निकलने की उम्मीद है

कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयान से भी TMC नाराज

इस बीच दोनों दलों के नेताओं के बीच कई बार विरोध वाले शब्दों में बयान भी आ चुके हैं। इससे भी मामला आगे नहीं बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं। पश्चिम बंगाल कांग्रेस चीफ अधीर रंजन चौधरी ने ममता बनर्जी को ‘अवसरवादी’ कहा था। हालांकि खुद राहुल गांधी ने अधीर रंजन चौधरी के बयान को सीटों के तालमेल से नहीं जोड़ने की अपील की थी। कांग्रेस नेतृत्व बनर्जी को वापस बातचीत के टेबल पर लाने की कोशिश कर रहा है, राहुल गांधी ने कहा कि तृणमूल प्रमुख के खिलाफ चौधरी की तीखी टिप्पणी से “कोई फर्क नहीं पड़ेगा।”

अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि कांग्रेस के साथ गठबंधन करना चाहिए या नहीं, इस पर पार्टी के भीतर मतभेद हैं। “वे दुविधा में हैं। वे आधिकारिक तौर पर यह नहीं कह रहे हैं कि गठबंधन बनाने की प्रक्रिया समाप्त हो गई है। पहली दुविधा यह है कि पार्टी का एक वर्ग मानता है कि अगर वे आईएनडीआईए गठबंधन के बिना अकेले चुनाव लड़ते हैं, तो पश्चिम बंगाल के अल्पसंख्यक उनके खिलाफ वोट करेंगे। टीएमसी का एक वर्ग चाहता है कि गठबंधन जारी रहे। दूसरा वर्ग एक और दुविधा में है कि अगर गठबंधन को बंगाल में अधिक महत्व दिया गया, तो मोदी सरकार उनके खिलाफ ईडी, और सीबीआई का इस्तेमाल करेगी। इन दो दुविधाओं के कारण टीएमसी कोई साफ फैसला नहीं ले पाई है।”

मतभेद की वजह से राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा में ममता बनर्जी नहीं शामिल हुईं। कांग्रेस ने पहले ऐलान किया था कि आईएनडीआईए गुट के दल कांग्रेस की न्याय यात्रा में शामिल होंगे। बिहार में आरजेडी नेता तेजस्वी यादव और यूपी में अखिलेश यादव राहुल की यात्रा में शामिल हुए।