लोकसभा चुनाव से पहले उत्तर प्रदेश की जिन सीटों पर सभी की निगाहें हैं उन सीटों में रायबरेली और अमेठी का नाम खासतौर पर आता है। 2019 में अमेठी में स्मृति ईरानी ने राहुल गांधी को मात दे दी थी लेकिन रायबरेली एक मात्र सीट है जहां 2014 और 2019 में बीजेपी कांग्रेस को मात नहीं दे पाई है।
सोनिया गांधी ने रायबरेली में बड़ी जीत हासिल की थी और अब फिरसे कांग्रेस की निगाहें इस सीट पर है। चुनावी आंकड़े कहते हैं कि अगर 3 चुनावों को छोड़ दिया जाए तो लगातार यह सीट कांग्रेस के हाथ में ही रही है। हालांकि इस बार बीजेपी ने कांग्रेस के इस किले को भेदने के लिए रणनीति बनाना शुरू कर दिया है।
क्या है चर्चा, कांग्रेस किस तैयारी में है?
साल 2019 में हुए लोकसभा चुनाव में अमेठी की सीट पर हार जाना कांग्रेस के लिए एक बड़ा झटका था। उत्तर प्रदेश में कांग्रेस की जमीन लगातार सिकुड़ती जा रही है। ऐसे में 2024 के लोकसभा चुनाव में पार्टी को खदशा है कि कहीं वे रायबरेली की सीट भी ना गंवा दें। खबरें ऐसी भी हैं कि कांग्रेस ने दक्षिण में सोनिया गांधी के लिए एक सुरक्षित सीट तलाशना शुरू कर दिया है।
प्रियंका गांधी ने कई बार रायबरेली का दौरा किया है तो ऐसा भी माना जा रहा है कि वह रायबरेली से चुनाव लड़ सकती हैं। फिलहाल कांग्रेस खासतौर पर रायबरेली को अपने पास बरकरार रखना चाहती है और अपने खोए हुए किले अमेठी को भी हासिल करना चाहती है। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा के रूट में इन दोनों ही लोकसभा क्षेत्रों को शामिल किया गया है।
किसे बना सकती है बीजेपी उम्मीदवार
ऐसा माना जा रहा है कि बीजेपी रायबरेली में इस बार अदिति सिंह को मैदान में उतार सकती है। अदिति सिंह फिलहाल रायबरेली से ही विधायक हैं। अदिति सिंह के पिता अखिलेश सिंह का रायबरेली में बड़ा कद माना जाता रहा था। वह एक महिला भी हैं और फिलहाल रायबरेली में काफी सक्रिय भी हैं, ऐसे में माना जा रहा है कि वह रायबरेली से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकती है।