Lok Sabha Elections: कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री जदगीश शेट्टार अपने पुराने घर भाजपा में लौट आए हैं। विधानसभा चुनाव में टिकट न मिलने पर वो कांग्रेस में शामिल हो गए थे। हालांकि, यहां उनको हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस में अपने नौ महीने के कार्यकाल के बाद उन्होंने घर वापसी की है। 68 साल के नेता के बीजेपी में वापस आने से लोकसभा सीटों में इजाफा होने की उम्मीद है, क्योंकि शेट्टार लिंगायत समुदाय से आते हैं और उत्तरी कर्नाटक में लिंगायत बेल्ट अच्छी खासी है।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि लिंगायत समुदाय से आने वाले शेट्टार को भाजपा के शीर्ष नेताओं ने पार्टी में दोबारा शामिल करते हुए लोकसभा चुनाव के टिकट की ‘गारंटी’ दी है। शेट्टार के बेलागवी संसदीय सीट के लिए भाजपा के उम्मीदवार होने की संभावना है, जहां 2020 में चार बार के सांसद सुरेश अंगड़ी के निधन के बाद से पार्टी के पास कोई मजबूत उम्मीदवार नहीं है। उन्हें धारवाड़ या हावेरी से भी मैदान में उतारा जा सकता है।

बीजेपी सूत्रों ने कहा कि शेट्टार को भरोसा दिया गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव में उनको मैदान में उतारा जा सकता है। हालांकि, वो किस सीट से लड़ेंगे। इसको लेकर अभी चर्चा नहीं हुई है, लेकिन राज्य नेतृत्व उन्हें बेलगावी से मैदान में उतार सकती है।

25 जनवरी को बीजेपी में दोबारा शामिल होने के बाद शेट्टार ने कहा था कि वो बिना किसी शर्त के बीजेपी में शामिल हो रहे हैं। उन्होंने कहा था कि देश के सामने कई मुद्दे हैं, जिनमें लोगों के बीच एकता, विकास और सुरक्षा शामिल है। हालांकि, पीएम मोदी पिछले एक दशक से देश को मजबूत करने के लिए काम कर रहे हैं और हमारी इच्छा है कि वह फिर से पीएम बनें और बीजेपी मजबूत हो।

हालांकि, शेट्टार की वापसी से उत्तरी कर्नाटक में कुछ प्रमुख लिंगायत-प्रभुत्व वाले निर्वाचन क्षेत्रों में मजबूत उम्मीदवारों की तलाश में भाजपा को आसानी होगी।

सुरेश अंगड़ी के निधन के बाद भाजपा ने उनकी पत्नी मंगला अंगदी को 2021 में बेलगावी उपचुनाव में मैदान में उतारा। वह अनुसूचित जनजाति के नेता स्थानीय कांग्रेस के मजबूत नेता सतीश जारकीहोली को हराकर, 5240 वोटों के मामूली अंतर से सीट जीतने में सफल रहीं। जिस जीत के पीछे सहानुभूति सबसे बड़ा कारण था।

हालांकि, बेलगावी में उमेश कट्टी और आनंद ममानी जैसे अन्य स्थानीय लिंगायत नेताओं के निधन के साथ-साथ पार्टी के पूर्व-डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी के कांग्रेस में चले जाने से बीजेपी की जमीन खिसक गई थी, जिससे बीजेपी की हालत खराब हो गई थी, जो लोकसभा चुनाव से पहले लिंगायत बहुल्य क्षेत्र में बीजेपी की पकड़ को कमजोर बनाता है, लेकिन शेट्टार की वापसी से बीजेपी को लिंगायत समुदाय में संजीवनी मिलने के पूरे आसार हैं।
शेट्टार की वापसी से बेलगावी में भाजपा की संभावनाएं मजबूत होने की उम्मीद है, हालांकि वह पड़ोसी हुबली क्षेत्र से आते हैं।

वहीं शेट्टार के बेटे संकल्प शेट्टार का विवाह दिवंगत सुरेश अंगड़ी और वर्तमान सांसद मंगला अंगड़ी की बेटी श्रद्धा अंगड़ी से हुआ है। शेट्टार की भाजपा में वापसी ने भाजपा को बेलगावी में उन्हें या उनकी बहू श्रद्धा अंगड़ी को मैदान में उतारने का विकल्प दिया है।

हालांकि, कांग्रेस इस सीट से जारकीहोली की उम्मीदवारी पर फिर से विचार कर रही है, लेकिन भाजपा में चिंताएं हैं कि 2021 की हार के लिए उनके लिए “सहानुभूति लहर” दो दशकों के बाद यह सीट छीनने में मदद कर सकती है।

शेट्टार की बीजेपी में वापसी कैसे हुई?

भाजपा सूत्रों के अनुसार, शेट्टार की वापसी पार्टी में उनके कुछ करीबी सहयोगियों की कोशिशों का परिणाम है। जिसमें पूर्व मंत्री शंकर मुनेकोप्पा भी शामिल थे, जिन्होंने आरएसएस और भाजपा को लेकर उनके परिवार की हिस्ट्री पर प्रकाश डालते हुए उन्हें मनाया। इसके बाद पूर्व सीएम और लिंगायत नेता बीएस येदियुरप्पा और उनके बेटे जो राज्य भाजपा अध्यक्ष बीवाई विजयेंद्र उनके पास पहुंचे।

शेट्टार ने भाजपा में दोबारा शामिल होते हुए कहा था कि पिछले आठ से नौ महीनों में भाजपा कार्यकर्ता और राज्य के विधायक और पूर्व विधायक और नेता चाहते थे कि मैं भाजपा में वापस आ जाऊं। राष्ट्रीय नेताओं ने भी कहा कि मुझे वापस लौटना चाहिए।

वहीं शुरुआत में शेट्टार की शर्त थी कि उन्हें भाजपा द्वारा धारवाड़ सीट से लड़ने की अनुमति दी जानी चाहिए। उनसे कहा गया कि उन्हें कोई पूर्व शर्त नहीं रखनी चाहिए और लोकसभा चुनाव लड़ने का फैसला पार्टी आलाकमान पर छोड़ देना चाहिए।’

धारवाड़ लोकसभा सीट वर्तमान में केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी के पास है, जो शेट्टार के प्रतिद्वंद्वी हैं। जिन्होंने 2009 के बाद से लगातार तीन बार सीट जीतने के लिए लिंगायत समर्थन आधार से लाभ उठाया है।

शेट्टार ने मई 2023 के कर्नाटक विधानसभा चुनावों में हुबली-धारवाड़ सेंट्रल सीट से भाजपा का टिकट नहीं दिए जाने के लिए प्रल्हाद जोशी और भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव (संगठन) बीएल संतोष (दोनों ब्राह्मण नेताओं) को परोक्ष रूप से दोषी ठहराया था, जिसके बाद उन्हें पार्टी बदलनी पड़ी थी। कांग्रेस ने शेट्टार को इस सीट से मैदान में उतारा, लेकिन वह भाजपा के उम्मीदवार महेश तेंगिनाकाई से हार गए।

भाजपा सूत्रों ने कहा कि जोशी के उत्तर कन्नड़ जैसे नए निर्वाचन क्षेत्र में जाने की स्थिति में शेट्टर धारवाड़ सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। जहां भाजपा को अपने पांच बार के सांसद अनंत कुमार हेगड़े से समस्या है, जो अपने वर्तमान कार्यकाल के लगभग तीन वर्षों से अस्वस्थ थे।

शेट्टार बड़ी लिंगायत आबादी वाली हावेरी सीट से भी उम्मीदवार हो सकते हैं, जहां पूर्व भाजपा मंत्री सीएम उदासी के बेटे और मौजूदा भाजपा सांसद शिवकुमार उदासी ने विधानसभा चुनाव मैदान में उतरने के लिए लोकसभा सीट छोड़ने का संकेत दिया है।

बीजेपी ने शेट्टार की ‘घर वापसी’ पर कैसे लगाई मुहर

पार्टी आलाकमान की मंजूरी के बाद शेट्टार की भाजपा में वापसी की प्रक्रिया फिर से शुरू हुई, लेकिन इसे दबा कर रखा गया। भाजपा सूत्रों ने कहा कि उनकी बैठक 24-25 अप्रैल की मध्यरात्रि को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के साथ निर्धारित की गई थी, लेकिन बाद की व्यस्तताओं के कारण इसे रद्द कर दिया गया। सूत्रों ने बताया कि अगली सुबह 11 बजे एक बैठक आयोजित की गई और शाह के साथ बैठक के एक घंटे के भीतर शेट्टार की वापसी हुई।

शेट्टार के इस कदम की पूर्व संध्या पर राज्य कांग्रेस अध्यक्ष डी के शिवकुमार ने कहा, “यह नेताओं की कमी और भाजपा की हताशा का संकेत है कि वे शेट्टार को फिर से भाजपा में शामिल करने के कोशिश कर रहे हैं।”

शेट्टार की भाजपा में वापसी के बाद शिवकुमार ने कहा, “भाजपा के आंतरिक मामलों से मोहभंग होने के बाद शेट्टार कांग्रेस में शामिल हो गए थे। उन्होंने बीजेपी पर बड़े आरोप भी लगाए थे। विधानसभा चुनाव में 35,000 वोटों से हारने के बावजूद हमने उन्हें एमएलसी बनाया था। पिछले 2-3 महीनों से बीजेपी ने उनसे संपर्क स्थापित करने की कोशिश कर रही थी, इसके बावजूद शेट्टार कुछ दिन पहले तक पार्टी में बने रहने के लिए प्रतिबद्ध थे।’

बीजेपी ने अन्य चेहरों को फिर से शामिल करने की कोशिश की

भाजपा कथित तौर पर बेलगावी के एक अन्य प्रमुख पूर्व पार्टी नेता लक्ष्मण सावदी को लुभाने में लगी है, जो पार्टी के टिकट से वंचित होने के बाद 2023 के विधानसभा चुनावों से पहले कांग्रेस में चले गए थे। सावदी, जो वर्तमान में अथानी से कांग्रेस विधायक हैं, हालांकि उन्होंने भाजपा द्वारा संपर्क किए जाने से इनकार किया है।

डीके शिवकुमार ने सावदी के बाहर निकलने की संभावना के बारे में कहा, ‘सावदी एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता हैं और पार्टी के लिए एक संपत्ति हैं। उन्होंने कहा कि वह अपने दम पर कांग्रेस में आए हैं और वह कांग्रेस के साथ काम करना पसंद करेंगे।’

भाजपा अपने पूर्व मंत्री और खनन घोटाले के आरोपी जी जनार्दन रेड्डी को भी शामिल करने पर विचार कर रही है, जो उनकी कल्याण राज्य प्रगति पक्ष पार्टी के एकमात्र विधायक हैं। पार्टी का मानना है कि रेड्डी की वापसी से बल्लारी क्षेत्र में उनकी संभावनाओं को फायदा हो सकता है।