लोकसभा चुनाव को लेकर इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस सभी विपक्षी पार्टियों के साथ बैठकें कर रही हैं। लेकिन पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और टीएमसी के बीच सीट-बंटवारे समझौते की संभावना लगातार कम होती जा रही है।
अब ऐसी खबरें भी सामने आ रही हैं कि टीएमसी ने संकेत दिया कि पार्टी कांग्रेस की पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन समिति से मुलाकात नहीं करने वाली है और वह पहले ही कांग्रेस को अपना प्रस्ताव दे चुके हैं।
गौरतलब है कि कांग्रेस की पांच सदस्यीय राष्ट्रीय गठबंधन कमेटी ही विपक्षी दलों के साथ सीट शेयरिंग पर बात कर रही है। टीएमसी के सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने पहले ही कांग्रेस को अपना प्रस्ताव बता दिया है।
कांग्रेस की इस कमेटी में अशोक गहलोत, भूपेश बघेल, मुकुल वासनिक, सलमान खुर्शीद और मोहन प्रकाश शामिल हैं। अब तक इस कमेटी ने समाजवादी पार्टी (एसपी), शिवसेना (यूबीटी), एनसीपी, आप और राजद जैसे दलों के साथ एक दौर की चर्चा की है।
क्या नहीं बनेगी कांग्रेस-टीएमसी के बीच बात?
सूत्रों ने कहा कि टीएमसी ने कांग्रेस को मालदा दक्षिण और बहरामपुर की पेशकश की थी। फिलहाल दोनों सीटें कांग्रेस के पास हैं। पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने पहले ही इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया है और कहा है कि पार्टी ने 2019 में टीएमसी और भाजपा के खिलाफ लड़ते हुए अपने दम पर ये सीटें जीती थीं और कांग्रेस को इन सीटों को जीतने के लिए ममता बनर्जी के सहयोग की जरूरत नहीं है।
कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी के बयानों और फिर सूत्रों के हवाले से सामने आ रही है टीएमसी के रुख से जुड़ी खबरों से अंदाजा लगाया जा सकता है कि दोनों पार्टियों के बीच आपसी समझौते की उम्मीदें बहुत ही कम हैं।
TMC का क्या कहना है?
पश्चिम बंगाल में सीट बंटवारे को लेकर टीएमसी ने कहा कि हमने कांग्रेस को दो सीटों की पेशकश की है। साथ ही कहा गया कि अगर कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व सीधे तौर पर ममता बनर्जी से बात करे तो शायद वह एक सीट और दे देंगी. इसलिए कांग्रेस गठबंधन समिति से मिलने का कोई मतलब नहीं है।
ऐसा माना जा रहा है कि कांग्रेस रायगंज, मालदा उत्तर, जंगीपुर और मुर्शिदाबाद सहित कई और सीटों पर दावा कर रही है। लेकिन टीएमसी के बातचीत की मेज पर आने से इनकार करने के बाद दोनों पार्टियों के बीच समझौते की संभावना कम दिख रही है. सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस गठबंधन समिति ने बैठक के लिए टीएमसी से संपर्क किया था लेकिन टीएमसी ने बताया कि वह बातचीत के लिए कोई प्रतिनिधि भेजने की इच्छुक नहीं है। वाम दल पहले ही संकेत दे चुके हैं कि वह टीएमसी के साथ गठबंधन नहीं करेंगे।