लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर बिहार में सीट बंटवारे पर पेंच फंस गया है। इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस आरजेडी और लेफ्ट के बीच गठबंधन तो तय है लेकिन सीट शेयरिंग पर कांग्रेस बैकफुट पर नजर आ रही है। खबरें हैं कि आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव कांग्रेस को ज्यादा सीटें देने के पक्ष में नहीं है। इसके चलते बिहार में सियासी उथल-पुथल मच गई है। वहीं पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव से दिल्ली में सवाल पूछा गया तो उन्होंने हैप्पी होली कहकर मामले को टाल दिया।

बता दें कि बिहार में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए ने अपना सीट शेयरिंग फॉर्मूला पेश कर दिया है। जेडीयू ने तो अपने कोटे के सभी 16 प्रत्याशी भी घोषित कर दिए हैं लेकिन इंडिया महागठबंधन का अभी कुछ अता पता ही नहीं है। इसकी वजह कांग्रेस की सीट शेयरिंग पर असहमति बताई जा रही है।

एक तरफ जहां बीजेपी और जेडीयू ने अपने प्रत्याशियों के नाम का ऐलान किया लेकिन दूसरी ओर इंडिया गठबंधन के बीच सीट शेयरिंग का ही फॉर्मूला नहीं तय हो पा रहा है। पहली बार बातचीत जब शुरू हुई थी, तो कांग्रेस ने 12 सीटों का दावा किया था लेकिन उसने खुद ही धीरे-धीरे यह 7 से 9 के बीच ही समेट लिया है। दूसरी ओर लालू यादव के तेवर यह संकेत दे रहे हैं कि वह 6 सीटों से ज्यादा पर कांग्रेस को देने को तैयार ही नहीं है।

कांग्रेस के लिए क्या है चुनौती?

जानकारी के मुताबिक कांग्रेस को जो सीट इस वक्त आरजेडी ऑफर कर रही है, उनमें ज्यादातर सुरक्षित सीटें हैं। कांग्रेस को आरजेडी की तरफ से इसकी सिटिंग सीट किशनगंज दे दी गई है। इसके अलावा कांग्रेस को समस्तीपुर, सासाराम, पटना साहिब, गोपालगंज जैसी सीट दी जा रही हैं जो कि उसके लिए चुनौती वाली मानी जा रही हैं।

दिग्गज नेताओं के बीच हो सकती है बातचीत

बिहार कांग्रेस के अध्यक्ष अखिलेश प्रसाद सिंह बार-बार लालू–राबड़ी से बात करने के प्रयास कर रहे हैं। ऐसे में यह भी माना जा रहा है कि अब कांग्रेस को अगर सम्मानजनक सीटें चाहिए तो सोनिया गांधी या फिर राहुल गांधी को हस्तक्षेप करना होगा। माना जा रहा है कि दिल्ली में राहुल गांधी की राजद के दिग्गज नेताओं से मुलाकात भी हो सकती है।

अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शीर्ष नेताओं के बीच बातचीत होने से बात बनती है, या गठबंधन के घटक दलों की राहें जुदा हो जाती हैं।