कांग्रेस यानी भारतीय राजनीति की सबसे पुरानी पार्टी ,आजादी के बाद से अब तक इतने लंबे समय तक विपक्ष में रही था। ना ही कभी पार्टी ने हिन्दी भाषी राज्यों में ऐसी गिरावट देखी थी, जहां वह एक साथ तीन राज्यों में सरकार नहीं बना सकी। अब कांग्रेस की नजर 2024 में होने जा रहे आम चुनाव पर है।

यहां कुछ सवाल हैं–पहला सवाल क्या 2024 का लोकसभा चुनाव कुछ अलग होगा? क्या राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा 2.0 से फर्क पड़ेगा? क्या आगामी चुनावों में इंडिया ब्लॉक की सीट-बंटवारे का अंकगणित पीएम नरेंद्र मोदी और भाजपा की गणना पर भारी पड़ेगा?

सीट शेयरिंग के पेंच में फंसी है पार्टी

कांग्रेस के सामने इन दिनों सबसे बड़ी चुनौती इंडिया गठबंधन में सीट शेयरिंग के फोर्मूले को ढंग से पूरा करना है। एक अच्छी बात कांग्रेस के लिए यह है कि पार्टी ने मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में भी अच्छा वोट शेयर बरकरार रखा है। हालांकि पार्टी के सामने लोकसभा चुनाव में इसे बरकरार रखना एक बड़ा टास्क होगा। यहां कांग्रेस के सामने बीजेपी से मुकाबला करने लिए एक नैरेटिव सेट करना भी चुनौती की तरह है। जहां वह युवाओं, महिलाओं को एक तयशुदा लाइन दे सकें, जिससे पार्टी को फायदा हासिल हो।

पार्टी के एक नेता कहते हैं, “हमें इस प्रश्न पर काम करना होगा और इसका जवाब देना होगा कि किसी को कांग्रेस को वोट क्यों देना चाहिए? हमारे पास नए विचार क्या हैं, हमारे पास नया क्या है? कांग्रेस को कुछ ऐसा सामने रखना होगा जैसा वह ‘गारंटी’ शब्द के साथ प्रयोग में लाते रहे हैं।”

भारत जोड़ो 2.0

अब कांग्रेस नेता राहुल गांधी एक और यात्रा (भारत न्याय यात्रा) शुरू करने वाले हैं, इसे भारत जोड़ो यात्रा 2.0 भी कहा जा रहा है। यह यात्रा बेरोजगारी और महंगाई जैसे मुद्दों पर होगी। पार्टी के एक नेता कहते हैं, “क्या हम बस यह दोहराते रह सकते हैं कि सरकार नौकरी देने के मोर्चे पर विफल रही है। सवाल यह है कि रोजगार पैदा करने के लिए हमारा रोडमैप क्या है? क्या हमारे पास कोई योजना है, बेहतर होगा कि हमारे पास हो।”