Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को आज पहले चरण का मतदान खत्म हो गया है और दूसरे चरण का मतदान 26 अप्रैल को है, जिसके लेकर सियासी संग्राम जारी है। इसको चुनाव प्रचार भी जारी है। कुछ यहीं माहौल बिहार में भी है, जहां इस बार आरजेडी और कांग्रेस साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं लेकिन दोनों दलों के हालिया रवैए से यह सवाल खड़े होने लगे हैं कि क्या दोनों दलों के बीच सबकुछ ठीक चल रहा है या नहीं? इन कयासों की वजह यह है कि तेजस्वी यादव का चुनावी प्रचार में कांग्रेस के कोटे की सीटों से दूरी बनाते दिख रहे हैं।

दरअसल, बिहार में दूसरे चरण में 5 सीटों पर वोटिंग होनी है। इनमें से तीन सीटें इंडिया गठबंधन के तहत कांग्रेस के कोटे में हैं, जबकि दो सीटें लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल के प्रत्याशियों की है। हैरानी की बात यह है कि बिहार के इंडिया गठबंधन के सबसे बड़े चेहरे यानी पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने अभी तक कांग्रेस के किसी भी प्रत्याशी के लिए प्रचार ही नहीं किया है।

तेजस्वी यादव के पिछले 14 दिनों के लोकसभा चुनाव प्रचार कैंपेन पर नजर डालें तो उन्हों इस दौरान कभी 46 जनसभाएं की हैं लेकिन इनमें से एक भी सभा कांग्रेस के प्रत्याशियों के लिए नहीं थीं, जो इस सवाल को पुख्ता कर रही है कि क्या इंडिया गठबंधन के बीच बिहार में नई रार छिड़ गई है?

CPM प्रत्याशियों के लिए कर चुके हैं प्रचार

खास बात यह है कि तेजस्वी तीसरे चरण की वोटिंग के लिए खागड़िया सीट पर सीपीएम प्रत्याशी के पक्ष में वोट मांग चुके हैं। चौथे चरण के लिए बेगुसराय की सीट परभी प्रचार कर चुके हैं लेकिन अभी तक कांग्रेस के किसी प्रत्याशी के लिए चुनाव प्रचार करने नहीं उतरे हैं। दिलचस्प बात यह भी है कि पहले चरण की चार सीटों पर आरजेडी के प्रत्याशी चुनाव में उतरे थे, लेकिन कांग्रेस के किसी भी नेता ने उस दौरान चुनाव प्रचार नहीं किया था। कांग्रेस के कोटे की सीटों पर वोटिंग का सिलसिला दूसरे फेज में शुरू हो रहा है।

खड़गे की रैली में भी नए गए तेजस्वी यादव

दूसरे फेज में कांग्रेस की तीन सीटें हैं और ऐसे में पार्टी के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे शुक्रवार को किशनगंज और कटिहार में रैली करने आए थे लेकिन उनकी रैली में तेजस्वी यादव नहीं दिखाई दिए थे। इंडिया गठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का राज्य में पहला चुनावी कार्यक्रम था लेकिन तेजस्वी का उसमें शामिल न होना स्पष्ट संकेत दे रहा है कि गठबंधन के घटक दल के बीच कुछ भी सामान्य नहीं है।

सीट शेयरिंग को लेकर टकराव की स्थिति

आज जहां मल्लिकार्जुन खड़गे ने दो सीटों पर चुनाव प्रचार किया, तो दूसरी ओर बांका, पूर्णिया, दरभंगा, और उजियारपुर जैसी सीटों पर तेजस्वी यादव ने प्रचार किया। ये सारी वो सीटें हैं, जहां आरजेडी के प्रत्याशी चुनाव में उतरें हैं। ध्यान देने वाली बात यह है कि कांग्रेस और आरजेडी के बीच गठबंधन में टकराव उसी समय से शुरू हो गया था, जब सीट शेयरिंग को लेकर दोनों दलों के बीच चिकचिक हुई थी।

पूर्णिया सीट को लेकर तो आरजेडी और कांग्रेस आमने-सामने आ गए थे। यहां से कांग्रेस नेता पप्पू यादव ने नामांकन भी कर दिया है, जिसके चलते आरजेडी नाराज है, जबकि आरजेडी ने यहां से भी बीमा भारती को प्रत्याशी बनाया है, जिनके लिए पप्पू यादव का मैदान में उतरना चिंताजनक हो गया है।

कांग्रेस में आंतरिक तौर पर नाराजगी

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष रहे अनिल शर्मा इस्तीफा देकर बीजेपी में शामिल हो गए थे, जिसके चलते कांग्रेस में काफी अस्थिरता व्याप्त हो गई है। इसके अलावा कांग्रेस में भी आंतरिक तौर पर नाराजगी है क्योंकि पार्टी का मानना है कि सहयोगी दल ने उसे लोकसभा चुनाव में राष्ट्रीय लिहाज से कम सीटें मिली हैं, जिसकी रिपोर्ट्स केंद्रीय आलाकमान के पास भी भेजी गई थी।

राहुल की रैली हो सकती है गेम चेंजर

गौरतलब है कि राहुल गांधी का शनिवार को बिहार का दौरा होना है। राहुल भागलपुर में एक बड़ी रैली करने वाले हैं, जहां दूसरे चरण में वोटिंग होनी है। ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि क्या शनिवार की रैली में तेजस्वी राहुल गांधी के साथ दिखाएं देंगे या नहीं। इससे पहले राहुल गांधी की ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के दौरान तेजस्वी यादव आखिरी बार नजर आए थे। उस दौरान तेजस्वी यादव कार चला रहे थे और राहुल को-ड्राइविंग सीट पर थे।

बिहार से ही इंडिया गठबंधन की शुरुआत हुई थी, लेकिन कयास यह लगने लगे हैं कि क्या कांग्रेस और आरजेडी के बीच टकराव की स्थिति है, जबकि अभी पहले फेज का ही मतदान कंप्लीट हुआ है।