Lok Sabha Chunav 2024: लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर यूपी सभी राजनीतिक दलों के लिए बेहद अहम माना जा रहा है। तीन चरणों के बाद 26 सीटों पर वोटिंग हो चुकी है और यहां बीजेपी से लेकर समाजवादी पार्टी, कांग्रेस सभी अपनी-अपनी जीत के दावे कर रही हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) चुनावी जंग में यूपी में रायबरेली सीट से ताल ठोक रहे हैं, जिससे यूपी में अब सियासी पारा काफी चढ़ गया है। वहीं बीजेपी को भी अपनी कुछ सीटों पर विरासत बचाने की चुनौती मिल रही है, जिस पर नजर डालना बेहद अहम है।
दरअसल, पिछले हफ्ते राहुल गांधी ने रायबरेली सीट से अपना नामांकन दाखिल कर दिया था। दूसरी ओर अमेठी सीट से कांग्रेस ने केएल शर्मा को प्रत्याशी बनाया है, जो कि कांग्रेस पार्टी की सियासी विरासत बचाने के लिए संघर्ष करते नजर आ रहे हैं। वहीं कैसरगंज लोकसभा सीट पर भी बीजेपी ने पत्ते खोल दिए हैं। इस सीट से बृजभूषण शरण सिंह के बेटे करणभूषण सिंह टिकट देकर सियासी दांव चला है।
चार सीटों पर होगी प्रतिष्ठा की लड़ाई
चार लोकसभा सीटें जहां सियासी तौर पर विरासत बचाने की बड़ी जंग होने वाली है, वो निश्चित तौर पर अमेठी, रायबरेली, कैसरगंज और श्रावस्ती मानी जा रही है, लेकिन इन सीटों का इतिहास क्या है और वर्तमान सियासी समीकरण क्या संकेत मिल रहे हैं चलिए समझते हैं।
1- कैसरगंज लोकसभा सीट
कैसरगंज लोकसभा सीट पर बीजेपी ने अपना प्रत्याशी घोषित करने में काफी टाइम लिया। महिला खिलाड़ियों के विरोध प्रदर्शन के चलते पार्टी ने बृजभूषण शरण सिंह का टिकट काट दिया लेकिन सियासी रसूख के चलते बीजेपी ने उनके बेटे करणभूषण सिंह को टिकट दिया है। करण को अब अपने पिता की राजनैतिक विरासत बचाने की बड़ी चुनौती मिली है।
पार्टी | बीजेपी |
बीजेपी | करणभूषण सिंह |
सपा | भगत राम मिश्रा |
बीएसपी | नरेंद्र पांडे |
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
2019 में कैसरगंज लोकसभा सीट से बृजभूषण शरण सिंह को मैदान में उतारा था। बृजभूषण सिंह को चुनाव में कुल 581,358 वोट मिले जबकि चंद्रदेव राम यादव को 319,757 वोट मिले थे. कांग्रेस के विनय कुमार पांडे को सिर्फ 37,132 वोट मिले थे।
अब इस बार उनके बेटे करणभूषण सिंह को अपने पिता की विरासत भी बचानी है।
पार्टी | प्रत्याशी | नतीजा |
बीजेपी | बृजभूषण शरण सिंह | 581358 59.18% |
बसपा | चंद्रदेव राम यादव | 319757 32.55% |
कांग्रेस | विनय कुमार यादव | 37132 3.78% |
2- रायबरेली लोकसभा सीट
पूर्व पीएम इंदिरा गांधी से लेकर सोनिया गांधी तक रायबरेली सीट देश की मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस का गढ़ रही है। 2019 में जब बीजेपी के सामने कांग्रेस सारी सीटें गंवा चुकी थी, तब भी रायबरेली से सोनिया गांधी लोकसभा बड़ी जीत के साथ पहुंची थीं। सोनिया ने यह सीट छोड़ राजस्थान के जरिए राज्यसभा जाना तय किया, जिसके बाद नामांकन के आखिरी दिन कांग्रेस नेता रायबरेली से राहुल गांधी के यहां से चुनाव लड़ने का ऐलान हो गया है। ऐसे में राहुल गांधी के सामने गांधी परिवार की राजनैतिक विरासत को बचाने की चुनौती है।
पार्टी | बीजेपी |
बीजेपी | दिनेश प्रताप सिंह |
कांग्रेस | राहुल गांधी |
बीएसपी | ठाकुर प्रसाद यादव |
2019 लोकसभा चुनाव 2024
2019 के लोकसभा चुनाव में रायबरेली संसदीय सीट पर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी की जीत हुई थी। सोनिया गांधी ने बीजेपी प्रत्याशी दिनेश प्रताप सिंह को हराया था। 2019 के चुनाव में सोनिया गांधी को 5,34,918 वोट मिले जबकि दिनेश प्रताप सिंह को 367,740 वोट मिले थे। सोनिया ने 167,178 वोटों के अंतर से चुनाव में जीत हासिल की थी। अब राहुल गांधी पर इस सीट पर मां सोनिया की राजनीतिक विरासत बचाने की जिम्मदारी है।
पार्टी | प्रत्याशी | नतीजा |
कांग्रेस | सोनिया गाधी | 534918 55.78% |
बीजेपी | दिनेश प्रताप सिंह | 367740 38.35% |
नोटा | नोटा | 10252 1.07% |
3- अमेठी लोकसभा सीट
अमेठी लोकसभा सीट कांग्रेस के लिए एक राजनीतिक किला मानी जाती थी। संजय गांधी से लेकर पूर्व पीएम राजीव गांधी, सोनिया गांधी तक इस सीट से चुनाव लड़कर संसद पहुंच चुके हैं। 2004 से 2014 तक तीन बार राहुल गांधी ने भी इस सीट से चुनाव जीता था लेकिन पिछले चुनाव में केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने उन्हें हरा दिया था। ऐसे में इस बार कांग्रेस ने गांधी परिवार की इस विरासत को बचाने के लिए स्थानीय नेता केएल शर्मा को चुनावी मैदान में उतारा था।
पार्टी | बीजेपी |
बीजेपी | स्मृति इरानी |
कांग्रेस | किशोरी लाल शर्मा |
बीएसपी | नन्हें चौहान |
2019 लोकसभा चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव में अमेठी संसदीय सीट से मुख्य मुकाबला कांग्रेस नेता राहुल गांधी और बीजेपी नेता स्मृति इरानी के बीच था। इस सीट से स्मृति इरानी ने राहुल को करीब 50 हजार वोटों के अंतर से हरा दिया था। खास बात यह भी थी कि इस सीट पर सपा ने अपना प्रत्याशी नहीं उतारा था, और कांग्रेस का ही समर्थन किया था।
पार्टी | प्रत्याशी | नतीजा |
बीजेपी | स्मृति इरानी | 468514 49.69% |
कांग्रेस | राहुल गांधी | 413394 43.84% |
निर्दलीय | ध्रुव लाल | 7816 0.83% |
4 – श्रावस्ती लोकसभा सीट
जैसे कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली की सीट काफी अहम होने हैं, सीधे तौर पर उसी तरह बीजेपी के लिए श्रीवस्ती सीट भी अहम हो गई है। बीजेपी ने इस सीट से राकेश मिश्रा को चुनावी मैदान में उतारा है। राकेश पूर्व आईएएस अधिकारी और राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा के बेटे हैं। साकेत मिश्रा यूपी विधान परिषद के सदस्य हैं। नृपेंद्र मिश्रा पीएम मोदी के करीबी माने जाते हैं, जिसके चलते राकेश मिश्रा को आसानी से टिकट मिल गई है। ऐसे में इस सीट पर राकेश मिश्रा का कड़ा टेस्ट होने वाला है।
पार्टी | बीजेपी |
बीजेपी | राकेश मिश्रा |
बीएसपी | राम शिरोमणि वर्मा |
सपा कांग्रेस | धीरेंद्र प्रताप सिंह |
2019 के लोकसभा चुनाव के नतीजे
2019 के लोकसभा चुनाव की बात करें तो बीजेपी के प्रत्याशी दद्दन मिश्रा को बीएसपी के राम शिरोमणि वर्मा ने हरा दिया था। राम शिरोमणि को 441,771 वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के दद्दन मिश्रा को 436,451 वोट मिले थे। बता दें कि पिछले चुनाव में बीएसपी और सपा का गठबंधन था।
पार्टी | प्रत्याशी | नतीजा |
बीएसपी | राम शिरोमणि वर्मा | 441771 44.3% |
बीजेपी | दद्दन मिश्रा | 436451 43.77% |
कांग्रेस | धीरेंद्र प्रताप सिंह | 58042 5.82% |
ऐसे इन चारों ही सीटों पर राजनेताओं के सामने अपने परिवार या पार्टियों की राजनीतिक विरासत बचाने की चुनौती है, देखना यह है कि इन सीटों पर नतीजे क्या रहते हैं।