Lok Sabha 2024: लोकसभा चुनाव 2024 में बीजेपी को रोकने के लिए विपक्षी एकता की बात तो सभी सियासी दल कर रहे हैं लेकिन ऐसा मुमकिन हो पाएगा, इसपर अभी कुछ भी कहना बहुत जल्दबाजी होगी। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार तेजस्वी यादव को अपना उत्तराधिकारी घोषित करने के बाद से ही लगातार विपक्षी एकता की बात कर रहे हैं। उन्होंने इसके लिए पिछले दिनों कांग्रेस से भी अपील की लेकिन देश की सबसे पुरानी पार्टी को नीतीश के तौर-तरीके शायद पसंद नहीं आ रहे।
कांग्रेस पार्टी ने सार्वजनिक तौर पर नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के विपक्ष के एकसाथ आने के बयान का स्वागत किया हो लेकिन उसके नेता व्यक्तिगत तौर पर इससे ज्यादा उत्साहित नहीं मालूम पड़ते। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि न ही नीतीश और न ही जेडीयू का कोई नेता ‘भारत जोड़ो यात्रा’ (Bharat Jodo Yatra) में शामिल हुआ था।
कांग्रेस के कुछ नेताओं का यह भी कहना है कि पूर्णिया में नीतीश कुमार के नेतृत्व में महागठबंधन ने 25 फरवरी को एकता रैली का आयोजन किया है, जो सही संकेत नहीं देता। 25 फरवरी को ही रायपुर में AICC का सत्र भी है। इस सत्र में कांग्रेस के तमाम टॉप नेता शामिल होंगे। ऐसे में शायद ही कांग्रेस का कोई बड़ा नेता नीतीश-तेजस्वी के इस कार्यक्रम में शामिल हो पाए।
कांग्रेस ने और क्या कहा?
इंडियन एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, कांग्रेस नेताओं ने रविवार को कहा कि उनकी पार्टी को अपना ‘रोल’ बहुत अच्छी तरह से पता है और उनके बिना विपक्ष की एकता और सफलता दोनों ही संभव नहीं है। कांग्रेस ने अन्य विपक्षी दलों पर तंज कसते हुए कहा कि वह अन्य पार्टियों की तरह नहीं है, जो विपक्षी की बैठकों में मौजूद रहे लेकिन काम बीजेपी के हित में करे। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि उनकी पार्टी को नेतृत्व करने के लिए किसी भी दल से सर्टिफिकेट की जरूरत नहीं है, उन्होंने हमेशा ही बीजेपी का विरोध किया है।
कांग्रेस के सीनियर नेता जयराम रमेश ने कहा कि हम अपना रोल अच्छी तरह जानते हैं। कांग्रेस ही एकमात्र राजनीतिक दल है जिसने बीजेपी से समझौता नहीं किया है। कई विपक्षी दल (मल्लिकार्जुन) खड़गे द्वारा बुलाई गई बैठकों में हिस्सा हैं लेकिन बाद में उनके काम सत्ता पक्ष के पक्ष में होते हैं। हम दो चेहरे वाले नहीं हैं। हमारे पास एक ही चेहरा है।
इस दौरान केसी वेणुगोपाल ने कहा कि उनकी पार्टी पहले ही समान विचारधारा वाले विपक्षी दलों को एक साथ लाने की पहल कर चुकी है। उन्होंने कहा कि ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान हमने समान विचारधारा वाले राजनीतिक दलों को शामिल होने और भाजपा सरकार के खिलाफ एक आम लड़ाई के लिए आमंत्रित किया था।