उत्तर प्रदेश सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों देखते हुए बड़ा फैसला लिया है। अभी तक राज्य में शनिवार और रविवार का लॉकडाउन था। अब पूरे राज्य में 2 दिन की बजाए तीन लॉकडाउन रहेगा। एएनआई यूपी के मुताबिक अब उत्तर प्रदेश में शुक्रवार रात 8 बजे से मंगलवार सुबह 7 बजे तक लॉकडाउन रहेगा।

यूपी में इन दिनों ऑक्सिजन की कमी, बेड की किल्लत और जरूरी दवाओं के अभाव की कई घटनाएं सामने आ रही हैं। कई मरीज अब तक जान गंवा चुके हैं। इलाहाबाद हाई कोर्ट ने बुधवार को योगी सरकार को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने यह भी सवाल किया था कि यूपी पंचायत चुनावों में कोरोना गाइडलाइन का पालन क्यों नहीं किया गया। हाई कोर्ट का कहना था कि आपको ये रवैया छोड़ना होगा कि मेरी नहीं तो किसी और की भी नहीं चलने दी जाएगी।

बता दें कि इससे पहले भी इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सरकार को 5 बड़े शहरों में लॉकडाउन लगाने को कहा था। सरकार ने लोगों की आजीविका का हवाला देते हुए आदेश को मानने से इनकार कर दिया था। योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में गुहार लगाई थी। सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस कदम को सही ठहराते हुए कहा कि सरकार ने कोरोना की रोकथाम के लिए जरूरी और सख्त कदम उठाए हैं। लेकिन राज्य में हर रोज बढ़ते मामलों को देखते हुए लग रहा है कि सरकार के पास सूबे में लॉकडाउन के सिवाय कोई चारा नहीं है।

सरकार जितने भी दावे कर ले, लेकिन हकीकत ये है कि यूपी में कोरोना बड़े पैमाने पर कहर बरपा रहा है। अस्पतालों ने हाथ खड़े कर दिए हैं तो शमशान ओवरलोड हो चुके हैं। यूपी में पिछले 24 घंटे के अंदर 29,824 मरीज मिले जबकि 35,903 मरीज ठीक हुए। मौत का आंकड़ा लगातार बढ़ता जा रहा है। बुधवार को यूपी में कुल 266 मरीजों की कोरोना वायरस से मौत हुई। सूबे में कुल मौतों की संख्या 11,943 हो गई है।

आंकड़े बता रहे हैं कि सरकार के दावे हवा हवाई हैं। योगी सरकार लोगों को राहत देने की बजाए उनकी आवाज को कुचलने में लगी है। इसके तहत ही कोरोना के सच को दबाने के लिए उन लोगों पर राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के तहत कार्रवाई करने की बात की गई है जो हकीकत को सामने लाने का काम कर रहे हैं। सरकार लोगों पर शिकंजा कसकर सच को दबाना चाहती है। सरकार के दावे हैं कि यूपी में राम राज है, लेकिन हकीकत में सूबे का बुरा हाल है। हाई कोर्ट भी कह चुका है कि यूपी भगवान भरोसे ही चल रहा है।