ईद के दिन यानी बुधवार (05 जून) को जम्मू-कश्मीर के कुलगाम की जामिया मस्जिद में लश्कर-ए-तैयबा के दो आतंकियों ने न केवल ईद की नमाज में घुसपैठ की बल्कि उसके बाद वहां मौजूद लोगों को संबोधित किया और लश्कर के समर्थन में नारेबाजी भी की। इस दौरान किसी ने भी उन्हें रोकने की कोशिश नहीं की। इस घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में साफ-साफ दिख रहा है कि लश्कर के दोनों आतंकी एक और शख्स के साथ खड़े हैं। तीसरा शख्स शायद मस्जिद का इमाम हो सकता है। ये दोनों आतंकी नारेबाजी कर रहे हैं और चीख-चीखकर लोगों से वीडियो नहीं बनाने को कह रहा है। कैमरा बंद करने की धमकी भी दे रहे है। इस बीच हवा में हथियार लहराते हुए नारेबाजी भी कर रहे हैं। लश्कर के आतंकी कह रहे हैं, ‘आप क्या चाहते हैं’ तो भीड़ नारे लगाती है, ‘आजादी’। दूसरे और तीसरे नारे में आतंकी पूछता है, ‘पाकिस्तान से रिश्ता क्या’ तो भीड़ से आवाज आ रही है ‘भाई-भाई इललल्लाह’। इसके बाद आतंकी कहता है, ‘तैयबा-तैयबा’ तो भीड़ कहती है- ‘लश्कर-ए तैयबा।”
आतंकियों द्वारा मस्जिद में भारतीय सेना और शहीदों के खिलाफ और पाकिस्तान के समर्थन में भी नारेबाजी की जाती है और आजादी की मांग की जा रही है। बता दें कि यह वही संगठन है जिसके ठिकानों पर भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान में घुसकर फरवरी में एयर स्ट्राइक किया था और उसके ट्रेनिंग कैम्पों को तहस-नहस कर दिया था। लश्कर-ए-तैयबा 26/11 के मुंबई आतंकी हमलों और दिसंबर 2001 में संसद पर हुए हमलों के लिए भी जिम्मेदार है।
कुलगाम की जामिया मस्जिद में ईद के दिन लश्कर का कमांडर बंदूक़ लहरा-लहरा कर तक़रीर करता रहा. किसी मौलाना, किसी इमाम ने रोकने की कोशिश नहीं की ? pic.twitter.com/IguNEpgj6Q
— रोहित सरदाना (@sardanarohit) June 6, 2019
Yesterday, these LeT terrorists were preaching from Jamia Masjid, Kulgam. Mosques are used in Kashmir to spread anti-India hatred. If security forces engage them, stone pelting will start. If a pelter is injured/killed, human rights agencies will file cases in courts. pic.twitter.com/lNaFX1aVOX
— Major Gaurav Arya (Retd) (@majorgauravarya) June 6, 2019
इधर, सोशल मीडिया पर लोग इस वीडियो को शेयर कर रहे हैं। टीवी एंकर और पत्रकार रोहित सरदाना ने वीडियो साझा करते हुए लिखा है, “कुलगाम की जामिया मस्जिद में ईद के दिन लश्कर का कमांडर बंदूक़ लहरा-लहरा कर तक़रीर करता रहा. किसी मौलाना, किसी इमाम ने रोकने की कोशिश नहीं की?” उधर, मेजर सुरेंद्र पुनिया ने भी फेसबुक पर इस वीडियो को शेयर किया है और लिखा है, “आतंकी कश्मीर की मस्जिदों को आतंकी फैक्ट्री के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। क्या कोई धार्मिक संस्था या स्थान देश की सुरक्षा से ज्यादा मायने रखता है? हमलोगों को इस तरह की राष्ट्रविरोधी दुकानों को तुरंत बंद करना चाहिए जो धर्म की आड़ में किया जा रहा हो।”