बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू यादव की चारा घोटाला मामले में जमानत याचिका पर सुनवाई आज होने वाली थी लेकिन इसे छह हफ्ते के लिए टाल दिया गया है। रिपोर्ट्स की मानें तो सुनवाई टल गई क्योंकि लालू यादव ने अपनी आधी सजा पूरी नहीं की है। इसमें 40 दिनों की कमी है सुनवाई पहले टाल दी गई थी क्योंकि झारखंड उच्च न्यायालय के समक्ष सीबीआई ने अपनी दलीलें दायर नहीं की थीं।
भ्रष्टाचार के आरोप में चार साल की जेल की सजा काट रहे लालू यादव को मवेशियों के चारे के लिए बने सरकारी कोष के ठगी से जुड़े कई अन्य मामलों में जमानत दी गई है। लालू यादव के खिलाफ यह आखिरी मामला है और उन्हें इस समय जमानत पर रिहा किए जाने की उम्मीद है। पिछले महीने हुई सुनवाई में, उनके वकील कपिल सिब्बल ने सीबीआई पर “जानबूझकर जमानत याचिका में देरी करने” का आरोप लगाया था।
बता दें कि “दुमका ट्रेजरी केस” में 1991 से 1996 के बीच बिहार के पशुपालन विभाग के अधिकारियों द्वारा दुमका कोषागार से 3.5 करोड़ रुपये लिए गए थे, जब लालू यादव राज्य के मुख्यमंत्री थे। लालू यादव को चारा घोटाले से संबंधित चाईबासा कोषागार मामले में अक्टूबर में जमानत दी गई थी। वह दुमका ट्रेजरी मामले के चलते जेल में बंद हैं। राष्ट्रीय जनता दल नेता लालू यादव दिसंबर 2017 से जेल में हैं। उन्होंने राजेंद्र इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (RIMS) अस्पताल (झारखंड) में अपनी जेल की अधिकांश सजा काटी है।
उनकी अनुपस्थिति में, उनके बेटे तेजस्वी यादव राजद को संभार रहे हैं। हाल ही में वे बिहार चुनाव में पार्टी के मजबूत प्रदर्शन और अपने जोरदार प्रचार के लिए चर्चा में रहे। 40 साल में ऐसा पहली बार हुआ जब लालू यादव राज्य के चुनाव अभियान से दूर रहे।
चुनाव नतीजों में तेजस्वी यादव की पार्टी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी लेकिन विपक्षी गठबंधन को बहुमत नहीं मिला। याद करा दें कि तेजस्वी यादव ने कहा था कि उनके पिता को 9 नवंबर को रिहा कर दिया जाएगा और अगले दिन मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की “विदाई” होगी। लेकिन नीतीश कुमार सहयोगी बीजेपी के साथ सत्ता में बरकरार रहे।

