Land For Job Scam: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर की पीठ इस मामले की 18 जुलाई को सुनवाई कर सकती है।
29 मई को दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा था कि कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कारण नहीं है। हाई कोर्ट ने यादव की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और सुनवाई 12 अगस्त के लिए निर्धारित की।
राजद सुप्रीमो और बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने जमीन के बदले नौकरी मामले में ट्रायल कोर्ट की कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है। जस्टिस एमएम सुंदरेश और जस्टिस एन कोटिश्वर ¨सह की पीठ इस मामले की 18 जुलाई को सुनवाई कर सकती है।
दिल्ली हाई कोर्ट ने 29 मई को कहा था कि कार्यवाही पर रोक लगाने के लिए कोई ठोस कारण नहीं है। हाई कोर्ट ने लालू प्रसाद यादव की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया और सुनवाई 12 अगस्त के लिए निर्धारित की।
मामला भारतीय रेलवे के पश्चिम मध्य क्षेत्र में ग्रुप-डी की नियुक्तियों से जुड़ा है, जो लालू प्रसाद के रेल मंत्री रहते हुए 2004 से 2009 के बीच जबलपुर (मध्य प्रदेश) में की गई थीं। आरोप है कि इन नियुक्तियों के बदले में भर्ती किए गए व्यक्तियों ने लालू के परिवार या सहयोगियों के नाम पर भूमि के टुकड़े दिए या ट्रांसफर किए।
आरजेडी सुप्रीमो लालू यादव ने हाई कोर्ट में अपनी याचिका में एफआईआर और 2022, 2023 और 2024 में दायर तीन चार्जशीट को रद करने की मांग की। जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई ने 18 मई 2022 को लालू प्रसाद यादव और उनकी पत्नी, दो बेटियों, अज्ञात सरकारी अधिकारियों और निजी व्यक्तियों सहित अन्य के खिलाफ मामला दर्ज किया था।
मौलिक अधिकारों का उल्लंघन
लालू यादव ने कहा कि FIR 2022 में दर्ज की गई, जो लगभग 14 साल की देरी है, जबकि सीबीआई की प्रारंभिक जांच बंद कर दी गई थीं। उन्होंने इसे कानून की प्रक्रिया का दुरुपयोग बताया। यादव ने कहा कि उन्हें गैरकानूनी और प्रतिशोध की भावना से जांच के माध्यम से पीड़ित किया जा रहा है। यह उनके मौलिक अधिकारों का उल्लंघन है।