राष्ट्रीय जनता दल के 25 वें स्थापना दिवस पर सिल्वर जुबली समारोह में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद ने कहा कि उनका राज जंगलराज नहीं, गरीबों का राज था। उन्होंने कहा कि लोकसभा और विधानसभा चुनाव के दौरान जेल में था। हम तड़पते रहे गए, बाहर नहीं आ सके, इसका मलाल है।
उन्होंने कहा कि जब जेल में थे तो तेजस्वी से बात होती रहती थी। तेजस्वी को चिंता नहीं करनी चाहिए। राजद का भविष्य बहुत उज्जवल है। निकट भविष्य में हम देश को आगे बढ़ाएंगे। राजद नेताओं और कार्यकर्ताओं को लालू प्रसाद ने 30 मिनट तक संबोधित किया। उन्होंने अपने संदेश में कहा कि तेजस्वी और राबड़ी नहीं होते तो मैं रांची में ही खत्म हो जाता। वहीं, जनता से वादा करते हुए कहा कि जल्द पटना आऊंगा और सभी से मुलाकात करूंगा।
तेज प्रताप यादव और तेजस्वी की तारीफ करते हुए कहा कि तेज प्रताप ने बहुत अच्छा भाषण दिया। उसकी बातों में दम है। तेजस्वी को बहुत कम उम्र में बिहार ने अपना नेता मान लिया है। वे बहुत बढ़ियां काम कर रहे हैं।
Rashtriya Janata Dal (RJD) president Lalu Prasad Yadav, wife Rabri Devi inaugurate party’s foundation day as the party completes 25 years today. pic.twitter.com/Rvcv4D2PWR
— ANI (@ANI) July 5, 2021
सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि देश में आर्थिक संकट है। सामाजिक ताना-बाना को खत्म किया जा रहा है। अयोध्या के बाद मथुरा। ये क्या नारा है। देश में क्या चाहते हैं। सत्ता के लिए लोगों को देश में तबाह करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों को विश्वास दिलाता हूं कि मिट जाएंगे लेकिन, पीछे नहीं हटेंगे।
लालू प्रसाद ने कहा कि रेलवे का निजीकरण देश के लिए अच्छा नहीं है, इतनी महंगाई जनता के लिए ठीक नहीं। हमारी सरकार में पेट्रोल-डीजल बढ़ता तो वो लोग चलना मुश्किल कर देते। पेट्रोल और डीजल के दाम बढ़ने से इसका प्रभाव गरीब पर पड़ता है।
उन्होंने कहा कि कोरोना के दौरान इलाज के अभाव में देश के साथ-साथ बिहार में बहुत लोगों की मौत हुई। देश में आर्थिक संकट है, सामाजिक ताना-बाना को खत्म किया जा रहा है। लालू ने नीतीश कुमार की तुलना बहादुर शाह जफर से की। उन्होंने कहा कि जफर की पूरी मिल्कियत लाल किला के अंदर तक थी। नीतीश कुमार एक अणे मार्ग तक सीमित हो गए हैं।
लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप यादव ने कहा कि जिस समय पार्टी की स्थापना हुई थी। हम सभी बच्चे थे। जिस बीएन कॉलेज में मेरे पिताजी पढ़ते थे, उसी बीएन कॉलेज में मैंने दाखिला लिया। उनका कहना था कि हम जब बोलते हैं तो बहुत सारे लोग हमारा मजाक उड़ाते हैं। हमारे पिताजी का भाषण का भी लोग मजाक उड़ाते थे।