Ladakh LAC News: मुंबई में INDIA गठबंधन की मीटिंग के बाद कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। इस दौरान उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी पर देश की जनता को पूर्वी लद्दाख में LAC पर हालातों के बारे में सही जानकारी न देने का आरोप लगाया। राहुल गांधी ने शुक्रवार शाम एकबार फिर से दोहराया कि चीन ने भारतीय जमीन पर कब्जा किया है, लद्दाख का हर व्यक्ति ये जानता है।
राहुल गांधी ने मुंबई में इंडिया गंठबंधन की तरफ से आयोजत की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, “मैंने लद्दाख में एक हफ्ता गुजारा। मैं पैंगोंग लेक के ठीक सामने गया जहां चीनी मौजूद हैं। मेरी लद्दाख के लोगों डिटेल में चर्चा हुई, संभवतः यह सबसे डिटेल्ड चर्चा है जो लद्दाख के बाहर के किसी भी राजनेता ने लद्दाख के लोगों के साथ की है। उन्होंने मुझे स्पष्ट रूप से बताया कि चीनियों ने भारतीय जमीन ले ली है।”
कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष ने आगे कहा कि उन्होंने स्पष्ट रूप ये कहा कि पीएम इस तथ्य के बारे में झूठ बोले रहे हैं कि चीनियों ने भारतीय जमीन पर कब्जा नहीं किया है। लद्दाख का हर एक व्यक्ति यह जानता है कि भारत के लोगों और लद्दाख के लोगों के साथ भारत सरकार ने छल किया है। सरकार और चीनियों के बीच स्पष्ट रूप से समझौता हो गया है।”
‘चरवाहों को अब वहां नहीं जाने दिया जाता, जहां वो पहले जाते थे’
उन्होंने कहा कि निश्चित रूप से बॉर्डर पर बदलाव हुआ है। हमारे चरवाहों ने खुद हमें बताया कि उन्हें अब वहां तक नहीं जाने दिया जाता है, पहले जहां उन्हें जाने दिया जाता था। सभी लोग यह जानते हैं लेकिन बदकिस्मती से हमारी मीडिया यह मुद्दे नहीं उठाती। ये राष्ट्रीय महत्व के मुद्दे हैं। जो भी लद्दाख में हुआ है, वह बहुत शर्मनाक है।
BJP ने किया पलटवार
राहुल गांधी के बयान के बाद बीजेपी की तरफ से रविशंकर प्रसाद ने उनसे सवाल किया कि ‘क्या आप चीनियों के प्रवक्ता बन गए हैं?’ उन्होंने आगे कहा कि भारत की सेना ने लद्दाख के बारे में बार-बार बताया है कि गलवान में क्या हुआ, बाकी जगह क्या हुआ। आप सेना पर विश्वास नहीं करते हैं, आप सेना की शहादत का सबूत मांगते हैं। कैसे-कैसे लोग आपके मित्र हैं, जिनकी चीन फंडिंग कर करता है। आपके पिताजी के नाम के एनजीओ को कहां-कहां से पैसा मिला है, ये चर्चा हम कर चुके हैं लेकिन क्या आप इतनी बेशर्मी से चीन के प्रवक्ता बनेंगे। आपके नानजी के समय हमारी इतनी जमीन चली गई थी।