LAC विवाद पर भारत संग बातचीत के दौर के बीच चीन लद्दाख की गलवान घाटी में अपनी आदतों से बाज नहीं आ रहा है। पैंगॉन्ग लेक वाले क्षेत्र में चीन ने अच्छी-खासी संख्या में अपने ठिकाने बना लिए हैं। यही नहीं, मैंडरिन भाषा में ‘ड्रैगन’ ने मैदानी सतह पर चाइना लिखा है, जबकि अपने देश का नक्शा भी बनाया है। ये बातें गलवान की ताजा सैटेलाइट तस्वीरों के जरिए सामने आई हैं।

‘Planet Labs’ से अंग्रेजी न्यूज चैनल NDTV को मिले इन फोटोज में यह चिह्न साफ तौर पर समझ में आ रहा है। ऐसे में माना जा रहा है कि यह काफी बड़े आकार में वहां बनाया गया है। तस्वीरों के आधार पर अंग्रेजी चैनल ने बताया कि ये चिह्न फिंगर 4 और फिंगर 5 वाले इलाके के बीच है, जिसकी लंबाई करीब 81 मीटर और चौड़ाई 25 मीटर है।

रिपोर्ट के मुताबिक, गलवान में चीन ने विवादित क्षेत्र में अलग-अलग आकार के कम से कम 186 के टेंट, झोपड़ियां और शेल्टर (नीचे तस्वीर में) बना लिए हैं। फोटोज में वहां नदी/झील किनारे एक पियर भी दिखा। इतना ही नहीं, फिंगर 4 इलाके में भी चीनी निर्माण नजर आया।

दरअसल, इस क्षेत्र में नुकीली चट्टानों वाले क्षेत्र को ‘फिंगर्स’ कहा जाता है। ये ऊंचाई पर पैंगॉन्ग लेक के आसपास फैले हैं। भारत मानता है कि फिंगर-1 से फिंगर-8 तक उसके पास पैट्रोलिंग का अधिकार है, जबकि चीन का दावा है कि फिंगर-8 से फिंगर-4 तक वह पेट्रोलिंग कर सकता है।

मौजूदा समय में फिंगर-4 दोनों देशों के बीच बाउंड्री जैसा क्षेत्र हैं, जहां पर मई में भारतीय फौजियों को पेट्रोलिंग से रोका गया था, जिसके बाद दोनों देशों के सैनिकों के बीच हाथापाई हुई थी और कुछ जवान जख्मी भी हुए थे। PLA के सैनिकों ने तब तार लिपटे गदों और बल्लों से हमला किया था।

बता दें कि इस हफ्ते की शुरुआत में तिब्बत में चीनी सेनाओं के ओवरऑल कमांडर वॉन्ग हाजियांग का एक फोटो सामने आया था, जिसमें वह भारतीय-चीन बाउंड्री के आसपास जहां ‘चीन’ लिखा, उसे पेंट करते नजर आए थे।