कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह द्वारा उन पर निशाना साधे जाने को लेकर मंगलवार को पलटवार करते हुए सवाल किया था कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है? उन्होंने ट्वीट किया, ‘अगर रक्षा मंत्री का हाथ के निशान पर टिप्पणी करने का काम पूरा गया हो गया हो तो वह इसका जवाब दे सकते हैं कि क्या चीन के सैनिकों ने लद्दाख में भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है?’

रक्षा मंत्री पर राहुल गांधी की व्यंग्यात्मक टिप्पणी के बाद लद्दाख से भाजपा सांसद जमयांग सेरिंग नामग्याल ने बुधावर (10 जून, 2020) को कांग्रेस नेता पर पलटवार किया। उन्होंने एक ट्वीट में राहुल गांधी को टैग कर लिखा, ‘हां, चीन ने भारतीय क्षेत्र पर कब्जा कर लिया है।’ ट्वीट के साथ उन्होंने दो तस्वीरें भी शेयर की है। एक में उनका राहुल गांधी को जवाब है और दूसरी तस्वीर देमचोक घाटी की है। जिसमें उन्होंने दावा किया कि इन इलाकों पर कांग्रेस के कार्यकाल में चीन ने कब्जा किया था।

भाजपा सांसद ने लिखा कि 1962 में कांग्रेस शासकाल के दौरान चीन ने अक्साई चिन (37,244 वर्ग किमी) पर कब्जा कर लिया। यूपीए के समय में 2008 तक चुमुर क्षेत्र में टिया पंगांक और चौबजी घाटी (250 मीटर लंबाई) चीन के कब्जे में रही। पीएलए द्वारा देमचोक में जोरावर किले को 2008 में ध्वस्त किया गया था। और 2012 में यूपीए शासन के दौरान पीएलए ने ऑबसर्विंग प्वाइंट बनाया। इसके अलावा 13 सीमेंट वाले घरों के साथ चीनी कॉलोनी भी बनाई। कांग्रेस नीत यूपीए गठबंधन के दौरान 2008-2009 में डुंगती और डेमजोक के बीच भारत ने डूम चेले (प्राचीन व्यापार बिंदु) को खो दिया।

बता दें कि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर गतिरोध को लेकर बुधवार को दावा किया कि चीन के सैनिक भारतीय सीमा में दाखिल हो गए लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे हैं। उन्होंने ट्वीट किया, ‘लद्दाख में चीनी हमारे क्षेत्र में दाखिल हो गए। इस बीच, प्रधानमंत्री पूरी तरह खामोश हैं और कहीं नजर नहीं आ रहे।’

गौरतलब है कि भारत और चीन की सेनाओं ने सीमा पर गतिरोध के शांतिपूर्ण समाधान के अपने संकल्प को प्रर्दिशत करते हुए पूर्वी लद्दाख के कुछ गश्त बिंदुओं से ‘सांकेतिक वापसी’ के तौर पर अपने सैनिकों को वापस बुलाया है। वहीं, इस मुद्दे पर दोनों पक्ष बुधवार को एक और दौर की मेजर जनरल स्तर की वार्ता करने वाले हैं।

बता दें कि भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच पैंगोंग त्सो इलाके में पांच मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष वहां आमने-सामने थे और गतिरोध बरकरार था। यह 2017 के डोकलाम घटनाक्रम के बाद सबसे बड़ा सैन्य गतिरोध बन गया था। (एजेंसी इनपुट)