राजस्थान में कोटा के जेके लोन अस्पताल में बच्चों की मौत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। अबतक अस्पताल में 104 बच्चों की मौत हो चुकी है। अस्पताल में दो दिन के अंदर चार बच्चों की मौत हो गई है। बच्चों की मौत पर राजस्थान सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि ‘नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ पूरे देश में जो माहौल बना हुआ है, उससे ध्यान हटाने के लिए इस मुद्दे को उठाया जा रहा है। मैं पहले ही कह चुका हूं कि इस साल शिशुओं की मौत के आंकड़ों में पिछले कुछ सालों की तुलना में काफी कमी आई है।’

इन मौतों पर अशोक गहलोत की सरकार सवालों के घेरे में है। विपक्षी दल कांग्रेस सरकार को इसके लिए जमकर कोस रहे हैं। बसपा सुप्रीमो मायावती और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को आड़े हाथों लिया है। मायावाती ने कहा है कि ‘कांग्रेस शासित राजस्थान के कोटा जिले में हाल ही में लगभग 100 मासूम बच्चों की मौत से माओं का गोद उजड़ना अति-दुःखद व दर्दनाक। तो भी वहां के सीएम श्री गहलोत स्वयं व उनकी सरकार इसके प्रति अभी भी उदासीन, असंवेदनशील व गैर-जिम्मेदार बने हुए हैं, जो अति-निन्दनीय है। लेकिन उससे भी ज्यादा अति दुःखद है कि कांग्रेस पार्टी के शीर्ष नेतृत्व व खासकर महिला महासचिव की इस मामले में चुप्पी साधे रखना। अच्छा होता कि वह यू.पी. की तरह उन गरीब पीड़ित माओं से भी जाकर मिलती, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही आदि के कारण उजड़ गई हैं।’

उन्होंने आगे कहा ‘यदि कांग्रेस की महिला राष्ट्रीय महासचिव राजस्थान के कोटा में जाकर मृतक बच्चों की ‘माओं’ से नहीं मिलती हैं तो यहां अभी तक किसी भी मामले में यू.पी. पीड़ितों के परिवार से मिलना केवल इनका यह राजनैतिक स्वार्थ व कोरी नाटकबाजी ही मानी जायेगी, जिससे यू.पी. की जनता को सर्तक रहना है।’

वहीं योगी आदित्यनाथ ने मासूम बच्चों की मौत को लेकर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी पर निशाना साधते हुए कहा कि अत्यंत क्षोभ है कि दोनों महिलाएं होकर भी माताओं का दु:ख नहीं समझ पा रहीं। योगी आदित्यनाथ के कार्यालय की ओर से आज एक के बाद एक किए गए कई ट्वीट में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार पर भी निशाना साधा गया है।

योगी आदित्यनाथ ने कहा कि, ‘(राजस्थान के) कोटा में करीब 100 मासूमों की मौत बेहद दु:खद और हृदय विदारक है। प्रियंका गांधी वाड्रा अगर यू.पी. में राजनीतिक नौटंकी करने की बजाय उन गरीब पीड़ित माताओं से जाकर मिलतीं, जिनकी गोद केवल उनकी पार्टी की सरकार की लापरवाही की वजह से सूनी हो गई है, तो उन परिवारों को कुछ सांत्वना मिलती।’