राजस्थान के एक वकील मोहम्मद फैसल ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर राज्य में चल रहे सीएए विरोधी प्रदर्शनों के दौरान गलत तरीके से खुद को गिरफ्तार करने का आरोप लगाया है। राजस्थान में कोटा जिले से बाहर के वकील फैसल ने दावा किया कि वह उत्तर प्रदेश के शामली जिले में सीए विरोधी प्रदर्शनों में शामिल लोगों की मदद करने के लिए गए थे, जिन्हें यूपी पुलिस ने गलत तरीके से फंसाया था। यहां नेशनल कॉन्फेडरेशन ऑफ ह्यूमन राइट्स ऑर्गनाइजेशन (एनसीएचआरओ) के सदस्य मोहम्मद फैसल ने एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि 19 दिसंबर 2019 को वह एनसीएचआरओ के दिल्ली कार्यालय में थे, जब उन्हें यूपी के शामली में लोगों की “गलत गिरफ्तारी” के बारे में पता चला।
हिरासत में पीटने का भी आरोप : उन्होंने दावा किया कि यूपी पुलिस की एसओजी टीम ने उन्हें शामली के कैराना कोर्ट के अंदर से गलत तरीके से उठा लिया था। उन्होंने कहा, “मैंने पुलिस को बताया कि मैं राजस्थान का एक वकील हूं और यहां लोगों को कानूनी सहायता देने के लिए आया हूं।” इसके बावजूद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया। फैसल ने दावा किया कि उन्हें यूपी पुलिस की हिरासत में पीटा गया और एसओजी टीम ने शारीरिक यातनाएं दीं।
Hindi News Live Updates 14 January 2020: देश की बड़ी खबरों के लिए यहां क्लिक करें
कहा स्थानीय वकील के सामने पुलिस ने पकड़ा :उन्होंने यह भी दावा किया कि पुलिस ने उन पर हिंसा फैलाने और सीएए विरोधी आंदोलन में शामिल होने के ‘झूठे आरोप’ लगाए, जबकि मैंने ऐसा नहीं किया था। फैसल ने कहा, “जब मैं शामली के कैराना कोर्ट में लोगों को कानूनी जानकारी दे रहा था, तब शाम के पांच बजे एसओजी टीम पहुंची और मुझे गिरफ्तार करके ले जाने लगी। मैंने उनका विरोध किया। मैंने उन्हें बताया कि मैं एक वकील हूं। इस दौरान एक स्थानीय वकील भी मेरे साथ थे, उन्होंने भी इसका विरोध किया।”
शामली एसपी ने कहा-उन्हें कोई शिकायत नहीं मिली है : उन्होंने कहा, “इसके बाद मुझे कैराना स्टेशन ले जाया गया, फिर मैंने उन्हें अपना राजस्थान बार काउंसिल आईडी दिखाया। पुलिस ने मुझे बताया कि मेरी आईडी फर्जी है। उन्होंने दावा किया कि मैं पश्चिम बंगाल से हूं और हिंसा फैलाने के लिए यहां आया हूं।” शामली के एसपी विनीत जायसवाल ने कहा कि उन्हें फैसल से कोई शिकायत नहीं मिली है।