कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में महिला डॉक्टर के साथ रेप और हत्या का मामला पिछले साल सुर्खियों में था। इस घटना को लेकर कोलकाता समेत देशभर में विरोध प्रदर्शन हुए थे। इस घटना को 5 महीने बीत चुके हैं और शनिवार को कोलकाता की सियालदह कोर्ट इस मामले में अपना फैसला सुनाएगी। मामले की जांच अब सीबीआई कर रही है। हालांकि अभी तक सीबीआई मेडिकल कॉलेज के तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष और स्थानीय थाना प्रभारी अभिजीत मंडल के खिलाफ चार्जशीट पेश नहीं कर पाई, जिसकी वजह से उन्हें जमानत मिल गई।
जानें कब क्या हुआ
9 अगस्त 2024 को 31 साल की एक महिला डॉक्टर का अस्पताल के कॉन्फ्रेंस रूम में शव मिला था। इसके बाद जांच की गई तो पता चला पहले रेप किया गया और फिर उनकी हत्या कर दी गई थी। यह घटना सुर्खियों में आ गई और कोलकाता में डॉक्टरों ने प्रदर्शन करना शुरू कर दिया। इस मामले में मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष पर सबूत मिटाने का आरोप लगा और स्थानीय टाला थाना प्रभारी अभिजीत मंडल के खिलाफ भी आरोप लगा। इस मामले में मुख्य आरोपी संजय रॉय को पुलिस ने 10 अगस्त को ही गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद 12 अगस्त को मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने इस्तीफा दे दिया।
सीबीआई को सौंप दिया गया मामला
मामले को लेकर विरोध प्रदर्शन बढ़ रहा था और उसके बाद कोलकाता हाई कोर्ट ने यह केस सीबीआई को सौंप दिया। 16 अगस्त को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सड़क पर उतरी और मार्च निकाला। इस दौरान उन्होंने भाजपा समेत विपक्षी दलों पर राजनीति करने का आरोप लगाया।
20 अगस्त को मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में हुई और इसे स्वत: संज्ञान लिया था। 21 अगस्त को मेडिकल कॉलेज की सुरक्षा सीआईएसएफ के हवाले कर दी गई और 22 अगस्त को ही डॉक्टरों ने 11 दिनों के हड़ताल को खत्म कर दिया। हालांकि विरोध प्रदर्शन नहीं रुका और वह जारी रहा।
2 सितंबर इस मामले में अहम तारीख थी और इसी दिन सीबीआई ने संदीप घोष को गिरफ्तार कर लिया था। इसके अलावा अभिजीत मंडल को भी सबूत मिटाने के प्रयास के आरोप में गिरफ्तार किया गया।
अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 हुआ पारित
3 सितंबर को बंगाल में विधानसभा के अंदर अपराजिता महिला और बाल विधेयक 2024 पारित किया गया। इसमें महिलाओं के खिलाफ होने वाले अपराधों को लेकर सख्त प्रावधान किया गया। आरजी कर मामले में ममता बनर्जी को अपने नेताओं के भी विरोध का सामना करना पड़ा। टीएमसी के राज्यसभा सांसद जवाहर सरकार ने आंदोलन को देखते हुए अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी।
14 सितंबर को आखिरकार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने हड़ताल कर रहे डॉक्टर से मुलाकात की और उनकी मांग पर गौर करने की बात कही। 17 सितंबर को ही कोलकाता के पुलिस कमिश्नर विनीत गोयल का ट्रांसफर कर दिया गया। 7 अक्टूबर 2024 को सीबीआई ने मुख्य आरोपी संजय रॉय के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की। लेकिन हैरानी भरी बात यह रही कि 13 दिसंबर 2024 को तत्कालीन प्रिंसिपल संदीप घोष और अभिजीत मंडल को मामले में जमानत मिल गई।