कोलकाता की लेडी डॉक्टर के रेप और मर्डर के बाद ममता बनर्जी सरकार मुश्किलों में है। इस बीच छात्र संगठनों ने ‘नबन्ना अभियान’ निकाला है। अब लोग जानना चाह रहे हैं कि आखिर ‘नबन्ना’ क्या है और कैसे ममता बनर्जी के लिए मुश्किल पैदा कर रहा है? कोलकाता में नबन्ना एक बिल्डिंग का नाम है, जो राज्य का सचिवालय भी है।
क्या है नबन्ना?
पहले बंगाल का सचिवालय रॉयटर्स बिल्डिंग में हुआ करता था लेकिन जब 2011 में ममता बनर्जी सरकार में आईं तो उन्होंने एक नई बिल्डिंग को सचिवालय बनाया। यह बिल्डिंग हुगली नदी के किनारे स्थित है और इसे नबन्ना नाम दिया। जब से ममता बनर्जी सरकार में आई हैं और विपक्ष को सरकार के कथित भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन करना होता है तो नबन्ना अभियान चलाया जाता है। बीजेपी और वामपंथी छात्र संगठन भी नबन्ना अभियान चला चुके हैं।
नबन्ना बिल्डिंग 14 मंजिले की है और सबसे ऊपर वाली फ्लोर पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का ऑफिस है। वहीं 13वें फ्लोर पर चीफ सेक्रेटरी और होम सेक्रेटरी का ऑफिस है। इसके बाद बाकी फ्लोर पर मंत्रियों और बड़े अधिकारियों का ऑफिस है। एक तरीके से कह सकते हैं कि पूरा बंगाल नबन्ना बिल्डिंग से ही चलता है।
कोलकाता केस को लेकर छात्रों का प्रदर्शन
पश्चिम बंगाल के कोलकाता रेप और मर्डर मामले में ममता सरकार के विरोध में पश्चिमबंगा छात्र समाज नाम के संगठन ने नबन्ना अभियान निकाला है। बीजेपी ने नबन्ना अभियान का समर्थन किया है तो वामपंथी दलों ने इसे भाजपा और आरएसएस की साजिश बताया है। नबन्ना अभियान के मद्देनजर हावड़ा ब्रिज को बंद कर दिया गया है।
पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं। इस बीच बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा है की असली तानाशाही बंगाल में चल रही है। ममता बनर्जी का रवैया तानाशाही है।
वहीं टीएमसी ने प्रदर्शन के लिए भाजपा समेत पूरे विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। टीएमसी ने कहा है कि विपक्ष राज्य में अशांति फैलाना चाहता है और माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।