पश्चिम बंगाल के कोलकाता रेप और मर्डर मामले में ममता सरकार घिरती जा रही है। इस बीच रेप और मर्डर के विरोध में पश्चिमबंगा छात्र समाज नाम के संगठन ने नबन्ना अभियान निकाला है। इसे पुलिस ने रोक लिया है। बीजेपी ने नबन्ना अभियान का समर्थन किया है तो वामपंथी दलों ने इसे भाजपा और आरएसएस की साजिश बताया है। नबन्ना अभियान के मद्देनजर हावड़ा ब्रिज को बंद कर दिया गया है।

पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया है। प्रदर्शनकारियों पर पानी की बौछारें और आंसू गैस के गोले भी दागे गए हैं। इस बीच बीजेपी ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी पर निशाना साधा है। बीजेपी ने कहा है की असली तानाशाही बंगाल में चल रही है। ममता बनर्जी का रवैया तानाशाही है।

कोलकाता को छावनी में किया गया तब्दील

छात्रों के अभियान को देखते हुए कोलकाता पुलिस ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए हैं और शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया है। इस अभियान को रोकने के लिए 6000 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे और 19 पॉइंट पर बैरिकेड लगाए गए थे। वहीं नबन्ना भवन के बाहर 3 लेयर सुरक्षा घेरा बनाया गया है।

पुलिस को निर्देश दिए गए हैं कि अधिकारी सतर्क रहें और सीसीटीवी फुटेज की निगरानी करें। कोलकाता पुलिस ने इस अभियान के आयोजकों को एक मेल भी किया है, जिसमें उन नेताओं की जानकारी मांगी गई है जो रैली का नेतृत्व करेंगे। कोलकाता पुलिस ने आयोजकों से जानकारी मांगी है कि कितने लोग इस रैली में शामिल हो रहे हैं और इसका रूट क्या होगा?

कोलकाता रेप केस का नया वीडियो सामने आने के बाद घिरी ममता सरकार, घटनास्थल पर दिख रहे संदीप घोष

कोलकाता में यूजीसी नेट परीक्षा का आयोजन

बता दें कि 27 अगस्त को कोलकाता में यूजीसी नेट परीक्षा भी है। ऐसे में कोलकाता पुलिस इस लिहाज से भी तैयारी कर रही है कि किसी भी उम्मीदवार को परीक्षा केंद्र पर पहुंचने में कठिनाई न हो। वहीं टीएमसी ने प्रदर्शन के लिए भाजपा समेत पूरे विपक्ष को जिम्मेदार ठहराया है। टीएमसी ने कहा है कि विपक्ष राज्य में अशांति फैलाना चाहता है और माहौल बिगाड़ने का प्रयास कर रहा है।

कोलकाता मामले में सामने आया नया वीडियो

इस बीच कोलकाता केस में अब विपक्षी दलों ने सबूतों को नष्ट करने का आरोप लगाया है। पीड़िता का शव मिलने के तुरंत बाद घटनास्थल पर कई लोगों की भीड़ का एक कथित वीडियो सामने आया है। वीडियो में तत्कालीन आरजी कर प्रिंसिपल डॉ. संदीप घोष, उनके वकील शांतनु डे, पुलिस और अस्पताल सुरक्षा कर्मचारी सेमिनार हॉल में दिखाई दे रहे हैं, जहां अपराध हुआ था।