पूर्व क्रिकेटर कीर्ति आजाद ने लोढ़ा समिति की सिफारिशों को ‘असंवैधानिक’ बताने पर पूर्व जज मार्कंडे काटजू पर निशाना साधा है। आजाद ने कहा, ‘बीसीसीआई ने पूर्व जस्टिस काटजू को बहलाया है या फिर वे बुढ़े हो चले हैं।’ बता दें, जस्टिम काटजू अभी बीसीसीआई के सलाहकार हैं। जस्टिस काटजू ने रविवार को लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों को ‘असंवैधानिक’ बताया था। एएनआई से बात करते हुए आजाद ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के फैसलों पर कोई सवाल नहीं उठाए जा सकते।
आजाद ने कहा, ‘मैं यह नहीं समझ पा रहा हूं कि जस्टिस काटजू अपने आपको इसमें क्यों शामिल कर रहे हैं। यह सुप्रीम कोर्ट का फैसला सबको मानना होगा। जस्टिस काटजू को बीसीसीआई ने बहलाया है या फिर उन्होंने उन सिफारिशों को पढ़ा नहीं है। बीसीसीआई उन्हें जबरन आगे कर रही है या फिर वे बूढ़े हो चले हैं।’
साथ ही आजाद ने कहा, ‘लोढ़ा कमेटी ने जो सिफारिशें की हैं, वे क्रिकेट को भ्रष्टाचार से दूर रखेंगी। लोढ़ा कमेटी की सिफारिशों से अच्छा फैसला हमें नहीं मिल सकता था। अब (बीसीसीआई) वाले सोच रहे हैं कि उनके दिन चले गए हैं। मैं समझ सकता हूं कि उन्हें अपनी दुकानें बंद करनी होंगी और वे अब कोई घपला नहीं कर पाएंगे। मुझे लगता है कि देश के खिलाड़ियों, खेल और खेलप्रेमियों के लिए यह अच्छा फैसला है।’
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व चीफ जस्टिस काटजू ने रविवार को लोढ़ा पैनल की सिफारिशों को असंवैधानिक करार दिया था।
बता दें, 2 अगस्त को बीसीसीआई ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायमूर्ति मार्कंडे काटजू को चार सदस्यीय कानूनी पैनल का प्रमुख नियुक्त किया जो बोर्ड को न्यायाधीश लोढ़ा समिति के सुधारों से होने वाले प्रभावों को समझने में मदद करेंगे, जिन्हें शीर्ष अदालत ने अनिवार्य कर दिया है। काटजू के अलावा पैनल में एक अन्य कानूनविद अभिनव मुखर्जी शामिल हैं। न्यायाधीश काटजू 2006 से 2011 तक सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीश के अलावा भारतीय प्रेस परिषद के चेयरमैन भी रह चुके हैं। वह दिल्ली हाईकोर्ट, मद्रास हाईकोर्ट के पूर्व मुख्य न्यायधीश तथा इलाहाबाद हाईकोर्ट के कार्यकारी मुख्य न्यायाधीश भी थे। सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद लोढ़ा समिति की सिफारिशों को लागू करना अनिवार्य हो गया है।
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