केरल से एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है। यहां पर आईएएस अधिकारियों के एक व्हाट्सएप ग्रुप को लेकर बवाल मचा हुआ है। आईएएस अधिकारियों का एक ग्रुप था, जिसमें सिर्फ ‘मल्लू हिंदू’ हैं। वहीं जब इस पर विवाद शुरू हुआ तो इसके एडमिन ने मोबाइल हैक होने का दावा किया है। इस घटना को लेकर इसलिए बवाल मचा हुआ है, क्योंकि धर्म के आधार पर अलग ग्रुप बनाए जाने की यह पहली घटना है।

व्हाट्सएप ग्रुप को लेकर मचा बवाल

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर टाइम्स ऑफ इंडिया को बताया, ”अधिकारियों के बीच कई व्हाट्सएप ग्रुप हैं, लेकिन धार्मिक आधार पर व्हाट्सएप ग्रुप कुछ नया है। जूनियर और वरिष्ठ अधिकारियों के बीच भेदभाव करने वाले अधिकारियों के बीच व्हाट्सएप ग्रुप विभिन्न सेवाओं के लिए हैं और भाषा सहित विभिन्न विचारों पर आधारित अन्य ग्रुप्स भी हैं। हालांकि स्पष्ट रूप से धार्मिक आधार पर बनाया गया एक ग्रुप अलग था।”

एक वरिष्ठ खुफिया अधिकारी ने भी नाम न छापने की शर्त पर बताया कि एजेंसी को कुछ अधिकारियों द्वारा ग्रुप के बारे में सतर्क किया गया था। इन अधिकारियों ने सबूत उपलब्ध कराए, जिससे मामले की जांच शुरू हुई। राज्य और केंद्र दोनों स्तरों पर खुफिया एजेंसियां ​​अब इस मामले की जांच कर रही हैं।

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व्हाट्सएप ग्रुप में शामिल थे हिंदू अधिकारी

व्हाट्सएप ग्रुप में केवल हिंदू अधिकारी शामिल थे। इसे आईएएस अधिकारी के गोपालकृष्णन द्वारा इस्तेमाल किए गए फोन नंबर से बनाया गया था। इस पर तत्काल आपत्तियां उठीं और कई अधिकारियों ने इसे अनुचित और धर्मनिरपेक्ष सिद्धांतों के विपरीत पाया। व्हाट्सएप ग्रुप को इसके बनने के एक दिन बाद ही डिलीट कर दिया गया था। गोपालकृष्णन ने दावा किया था कि उनका फोन हैक हो गया था। उन्होंने कहा कि उनकी सहमति के बिना उनके संपर्कों का उपयोग करके कई समूह बनाए गए थे। पता चला है कि अधिकारी ने इस संबंध में पुलिस में शिकायत भी दर्ज करायी है।

यह घटना वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी एमआर अजित कुमार से जुड़े एक अन्य हाई प्रोफाइल विवाद के बाद सामने आई है। अजित कुमार ने कथित तौर पर केरल में एलडीएफ सरकार की जानकारी के बिना आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारियों से गुप्त रूप से मुलाकात की थी। इसके बाद अजित कुमार को एडीजीपी (कानून एवं व्यवस्था) के पद से हटा दिया गया था।