अरविंद केजरीवाल सरकार ने छठ पूजा के दिन सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है। डिप्टी सीएम मनीष सिसौदिया की तरफ से जारी नोट में कहा गया है कि दिल्ली-एनसीआर के लोगों के लिए छठ पूजा एक अहम पर्व है। दिल्ली सरकार ने उनकी आस्था को देखते हुए छठ पूजा के कारण 10 नवंबर 2021 को सार्वजनिक अवकाश घोषित करने का निर्णय लिया है। दिल्ली में बीते कई सालों से छठ पर अवकाश दिया जाता रहा है।
खास बात है कि छठ पूजा को लेकर दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी ने कुछ दिनों पहले नई गाइडलाइन जारी की थी। विपक्षी दलों ने उसका काफी विरोध किया। लोगों में भी नाराजगी देखी गई, लेकिन अब छठ को लेकर दिल्ली सरकार ने एक बड़ा ऐलान किया है। जिसके तहत 10 नवंबर को पूजा के दिन दिल्ली में सार्वजनिक अवकाश रहेगा। सरकार ने इसके लिए बकायदा आदेश जारी कर दिया है। दिल्ली सरकार ने अपने आदेश में कहा कि अगर कोई इस आदेश का उल्लंघन करता है, तो उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
गौरतलब है कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने यमुना नदी के किनारे छठ पूजा की अनुमति नहीं दी है। हालांकि डीडीएमए ने श्रद्धालुओं को राष्ट्रीय राजधानी के निर्धारित स्थानों पर सख्त कोरोना प्रोटोकॉल के साथ छठ पूजा करने की अनुमति दे दी। डीडीएमए की ओर से सीमति छठ घाटों पर सार्वजनकि तौर पर छठ पूजा की अनुमति दी गई है। डीडीएमए 30 सितंबर की बैठक के बाद यमुना नदी के तट, अन्य जलाशयों सहित दिल्ली में सार्वजनिक स्थानों पर छठ पूजा मनाने पर रोक लगा दी थी। छठ पूजा पर रोक के फैसले का विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने विरोध किया था।
डीडीएमए की बैठक के बाद दिल्ली के डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया ने कहा कि डीडीएमए ने दिल्ली के निर्धारित स्थानों पर छठ पूजा की अनुमति दे दी है। कोविड-19 नियमों के चलते सीमित संख्या में ही लोगों को पूजा करने की अनुमति दी जाएगी। उन्होंने अनुरोध किया कि लोग सभी कोरोना नियमों का पालन करें। ध्यान रहे कि कांग्रेस, बीजेपी के साथ आम आदमी पार्टी के भी विधायक इसका विरोध कर रहे हैं। आप विधायक संजीव झा ने एलजी को एक पत्र भी लिखा था। जिसमें इस आदेश को तुरंत वापस लेने का अनुरोध किया गया।